Mitti ke diye: दीपावली के पर्व पर मिट्टी के दीए जलाने से इन ग्रहों के दोष से मिलती है मुक्ति, क्या है इनके लाभ

Mitti ke diye: दीपावली के पर्व पर मिट्टी के दीए जलाने से इन ग्रहों के दोष से मिलती है मुक्ति, क्या है इनके लाभ

दिवाली के पर्व पर मिट्टी के दीपक जलाने के पीछे पौराणिक मान्यता भी है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मंगल ग्रह को मिट्टी का और भूमि का कारक मानता जाता है. इसके साथ ही सरसों का तेल का संबंध शनि ग्रह से है. इसी वजह से मिट्टी और सरसों के तेल का दीपक जलाने से मंगल और शनि ग्रह दोनों मजबूत होते हैं.

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Mitti ke diye: दीपावली के पर्व पर मिट्टी के दीए जलाने से इन ग्रहों के दोष से मिलती है मुक्ति, क्या है इनके लाभमिट्टी के दीये

दीपावली के मौके पर मिट्टी के दीपक जलाने का अलग ही महत्व है. भगवान श्री राम के 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटने पर नगर वासियों ने घी के दीए जलाकर उनका स्वागत किया था तभी से देश में दीपावली के पर्व को मनाने का चलन शुरू हुआ है. यह पर्व हर वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है. इस पर्व के दिन मिट्टी के ही दीपक जलाने की परंपरा है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है?  चलिए हम बताते हैं . ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दीपावली के पर्व पर मिट्टी का दीपक जलाने से मंगल और शनि ग्रह दोनों मजबूत होते हैं और लक्ष्मी का वास होता है. इसके साथ ही परिवार के सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है. 

दिवाली पर क्यों जलाए जाते हैं मिट्टी के दीपक ?

दिवाली के पर्व पर मिट्टी के दीपक जलाने के पीछे पौराणिक मान्यता भी है. लखनऊ में पातालपुरी मंदिर के मुख्य पुजारी डॉ विवेक तांगड़ी ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मंगल ग्रह को मिट्टी का और भूमि का कारक मानता जाता है. इसके साथ ही सरसों का तेल का संबंध शनि ग्रह से है. इसी वजह से मिट्टी और सरसों के तेल का दीपक जलाने से मंगल और शनि ग्रह दोनों मजबूत होते हैं. इस वजह से जीवन में परेशानियां खत्म होती हैं और खुशहाली आती है. मंगल और शनि ग्रह मजबूत होने से परिवार में धन-दौलत सुख के साथ-साथ दांपत्य जीवन में भी खुशियां बनी रहती हैं.

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पंचतत्व का प्रतीक है मिट्टी का दीपक

लखनऊ के पातालपुरी हनुमान मंदिर के अध्यक्ष डॉ. विवेक तांगड़ी ने बताया की मिट्टी के दीपक को पंचतत्व का प्रतीक भी माना गया है. इसे जलाने के लिए अग्नि की जरूरत होती है. वही वायु की वजह से ही आग जलता है. इसके साथ ही दीपक मिट्टी का बना होता है जो भूमि का प्रतीक है. दिए से घर ही रोशन नहीं होता है बल्कि इसकी रोशनी से कुम्हार के घर में भी उजियारा होता है. वास्तु शास्त्र में भी इसका विशेष महत्व है घर में अखंड दीपक जलाने से वास्तु दोष समाप्त होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज भी दिवाली के पर्व पर दीये जलाने की परंपरा चल रही है.

मिट्टी के दीए जलाने के फायदें

घर में रोजाना मिट्टी के दीए जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इसके साथ ही घर का वातावरण भी संतुलित रहता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मिट्टी के दीए जलाने से सूर्य और चंद्रमा की कमजोरी भी दूर होती है. इसके साथ ही घर के हानिकारक बैक्टीरिया खत्म होते हैं. डॉ. विवेक तांगड़ी ने बताया कि दीपावली पर मिट्टी के दीए जलाने से न सिर्फ रोशनी होती है बल्कि इसके लौ में जलकर चारों ओर से पहले कीट, पतंगा और रोगाणु भी समाप्त हो जाते हैं. मिट्टी के दीये पर्यावरण को किसी भी तरीके से नुकसान नहीं पहुंचते हैं जबकि इलेक्ट्रॉनिक दीये और झालर प्लास्टिक से बने होते हैं जो वातावरण के लिए ठीक नहीं है .

 

 

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