सूखी मछली की डिमांड देश ही नहीं विदेशों में भी है. अभी होता ये है कि सूखी मछली की खपत घरेलू बाजार में ही हो जाती है. थोड़ी बहुत ही एक्सपोर्ट होती है, जबकि इंटरनेशनल मार्केट में इसकी बहुत डिमांड है. लेकिन मछली सुखाने के पुराने तौर-तरीकों के चलते विदेशी बाजार में क्वालिटी के मानकों पर देश की सूखी मछली खरी नहीं उतरती है. लेकिन सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (CIPHET), लुधियाना ने एक ड्रायर बनाया है. इस ड्रायर की मदद से मछलियां खुली धूप में ही सूखेंगी, लेकिन उस पर धूल-मक्खी नहीं लगेगी.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजी एंड ट्रेनिंग के डायरेक्टर डॉ. शाइन कुमार सीएस ने बताया कि भारत सूखी मछली एक्सपोर्ट के बाजार में नीचे है, लेकिन डिमांड के चलते इसमें उछाल आने के जबरदस्त आसार हैं. उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि इंटरनेशनल मार्केट में कदम जमाने के लिए सूखी मछली की क्वालिटी पर काम करना होगा. मछली सुखाने के पुराने तौर-तरीकों को बदलना होगा. खुले में मछली सुखाने से उसकी क्वालिटी पर असर पड़ता है. इसे बदलना होगा.
ये भी पढ़ें- फ्रोजन झींगा एक्सीपोर्ट में भारत की लम्बी छलांग, 8 साल में 233 फीसद बढ़ा
सीफेट के प्रिंसीपल साइंटिस्ट डॉ. अरमान मुजाद्दादी ने किसान तक को बताया कि समुद्र के किनारे रेत पर और नदी के किनारे भी खुले में छोटी-छोटी मछलियां सुखाई जाती है. यह एक पुराना तरीका है और इसमे साफ-सफाई का कोई ख्याल नहीं रखा जाता है. धूल-मिट्टी आने के साथ ही मछलियों पर मक्खियां भी बैठती हैं.
कई बार देखा गया है कि मक्खियां इस पर अंडे भी दे देती हैं और यह बीमारियों की एक बड़ी वजह बनती है. कई बार तो मौसम खराब होने पर कई-कई दिन तक मछलियां सूखती नहीं हैं. हमने मछलियां को सुखाने के लिए एक सोलर टेंट ड्रायर बनाया है. इसमे किसी भी तरह की मशीन की जरूरत नहीं है. यह सामान्य चीजों से ही बनाया गया है. बस बनाने के दौरान कुछ खास बातों का ख्याल रखा गया है.
डॉ. अरमान ने बताया कि सोलर टेंट के एक हिस्से को पारदर्शी रखा गया है. यहां से धूप पूरी तरह टेंट के अंदर जाती है. टेंट के अंदर का हिस्सा पूरी तरह से काले रंग का है. काला रंग धूप की गर्मी अंदर की ओर खींचता है. जिससे टेंट के अंदर गर्मी बढ़ जाती है और हवा भी गर्म हो जाती है. ऐसा होने पर मछली सूखने की प्रक्रिया तेज हो जाती है.
ये भी पढ़ें- Poultry: भारत को मिला 50 मिलियन अंडों का आर्डर, मलेशिया को एक्सपोर्ट करने से खुला रास्ता
टेंट के अंदर मछलियों को रखने के लिए चार सेल्फ बनाई गई हैं. सभी सेल्फ में मछली रखी जा सकती हैं. सेल्फ जाली की है. जिसका फायदा यह होगा कि सूखने पर कभी-कभी मछली में से पानी टपकता है तो वो जाली के पार हो जाएगा. टेंट की ऊंचाई एक सामान्य इंसान को ख्याल में रखते हुए ही रखी गई है.
डॉ. अरमान ने बताया कि सोलर टेंट में हम मछली ही नहीं और भी सामान सुखा सकते हैं. जैसे अचार के लिए हम आम, नींबू और मिर्च आदि सुखाते हैं. इसे भी ड्रायर में रखा जा सकता है. साथ ही हम पापड़-चिप्स आदि भी ड्रायर में सुखा सकते हैं. और भी बहुत सारे ऐसे आइटम हैं जो छोटे-मोटे कारोबार में सुखाकर इस्तेमाल किए जाते हैं. इसके लिए भी सोलर टेंट का इस्तेमाल किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें- बुंदेलखंड में बनेगी फल पट्टी, यूपी सरकार ने बनाया प्लान
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today