कैमूर जिले की कर्मनाशा नहर योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती दिख रही है. इस नहर योजना में अभी तक करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन नहर में अभी तक पानी का कोई अता-पता नहीं. आलम ये है कि नहर में हर जगह दरारें ही दरारें दिख रही हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो इस नहर को बनाने में भारी कमीशनखोरी का खेल हुआ है. स्थानीय लोग और किसान इस नहर योजना की मुकम्मल जांच और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. दरअसल, साल 2018-19 में बिहार के कैमूर जिले में किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा देने के लिए कर्मनाशा नहर के पक्कीकरण का काम शुरू हुआ. इस परियोजना की कुल लागत लगभग 92 करोड़ रुपये तय की गई थी. योजना के तहत 42 किलोमीटर लंबी नहर को दो साल में पक्का किया जाना था, जिससे चांद और दुर्गावती प्रखंड के सैकड़ों किसानों को फायदा होना था.
अब 5 साल बीत चुके हैं, लेकिन नहर का आधा काम भी पूरा नहीं हो सका है. जहां निर्माण हुआ है, वहां भी दीवारों में दरारें आ गई हैं. इससे किसानों को न तो समय पर पानी मिल पा रहा है, न ही सरकार की मंशा धरातल पर दिख रही है.
ग्रामीणों का आरोप है कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने भ्रष्टाचारियों के साथ मिलकर ठेकेदार को आधा भुगतान भी कर दिया, जबकि काम अधूरा है और जो हुआ है वह भी घटिया है. अधिकारी अब मीडिया से बचते फिर रहे हैं, ताकि सच्चाई सामने न आ जाए.
गांव के निवासी शशिकांत यादव बताते हैं कि नहर का पक्कीकरण अधूरा है और जो काम हुआ है वह भी खराब है. उनका कहना है कि करोड़ों की लूट हुई है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
समाजसेवी सतीश उर्फ पिंटू यादव ने भी चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से आने वाला 300 क्यूसेक पानी इस नहर से आता है, जो दो विधानसभा क्षेत्रों चांद और दुर्गावती के किसानों को सिंचाई की सुविधा देता है. लेकिन भ्रष्टाचार की वजह से अब किसानों को पानी नहीं मिल रहा.
राज्य सरकार के मंत्री जमा खान ने कहा है कि कर्मनाशा नहर के पक्कीकरण में गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई जरूर होगी. हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि सिर्फ बयान देने से कुछ नहीं होगा, सरकार को जमीनी स्तर पर जांच कराकर कार्रवाई करनी चाहिए.
कर्मनाशा नहर का यह घोटाला सिर्फ पैसे की बर्बादी नहीं है, यह उन किसानों के हक पर चोट है जो सालों से पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. यदि समय रहते जांच और कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले दिनों में यह मामला और भी बड़ा घोटाला बन सकता है. कैमूर जिले की जनता, खासकर किसान वर्ग, न्याय और जवाबदेही की मांग कर रहा है.
(रंजन कुमार त्रिगुण का इनपुट)
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