आखिरकार भारतीय कपड़ा उद्योग परिसंघ (CITI) की मांग रंग लाई और केंद्र सरकार ने कपास पर से आयात शुल्क या इंपोर्ट ड्यूटी हटाने का फैसला कर लिया. सोमवार को वित्त मंत्रालय ने कपास के आयात पर 11 प्रतिशत शुल्क को तत्काल प्रभाव से खत्म करने का नोटिफिकेशन जारी किया है. यह नोटिफिकेशन ऐसे समय में आया है जब टेक्सटाइल इंडस्ट्री में 50 फीसदी के भारी टैरिफ के चलते नौकरियां कम होने का खतरा मंडरा ने लगा है. टैरिफ की वजह से माना जा रहा है कि भारतीय उत्पाद अमेरिकी बाजार में, जो अभी तक भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है, अप्रतिस्पर्धी हो जाएंगे.
सरकार की तरफ से कहा गया है कि कपास पर इंपोर्ट ड्यूटी और कृषि अवसंरचना एवं विकास उपकर (एआईडीसी) को खत्म करना जनहित में जरूरी है. वित्त मंत्रालय के अनुसार यह नोटिफिकेशन 19 अगस्त से लागू होकर और 30 सितंबर तक जारी रहेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से ऐलान किए गए टैरिफ को टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया जा रहा है. अमेरिका भारतीय रेडीमेड गारमेंट्स (आरएमजी) निर्यात का एक प्रमुख बाजार है. परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के अनुसार, 2024 में भारत के कुल कपड़ा निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 33 प्रतिशत थी.
CITI की महासचिव चंद्रिमा चटर्जी ने कहा, 'हम लंबे समय से कपास पर आयात शुल्क हटाने का अनुरोध करते आ रहे थे ताकि घरेलू कपास की कीमतें अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अनुरूप हो सकें. इसलिए, हम सरकार की ओर से लिए गए इस फैसले का स्वागत करते हैं.' चंद्रिमा चटर्जी के अनुसार भले ही यह राहत अस्थायी रूप हो लेकिन फिर भी राहत की खबर है. AEPC के अनुसार, भारत की ओर से अमेरिका को सबसे ज्यादा निर्यात किए जाने वाले टॉप प्रॉडक्ट्स में सूती टी-शर्ट (9.71 प्रतिशत); महिलाओं या लड़कियों के सूती कपड़े (6.52 प्रतिशत), नवजात शिशुओं के कपड़े (5.46 प्रतिशत) शामिल हैं. परिषद के अनुसार, 'ये चीजें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्पादों के कुल अमेरिकी आयात में क्रमशः 10, 36 और 20 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं.'
घरेलू कपड़े और कालीन भी निर्यात में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इन क्षेत्रों के निर्यात में क्रमशः कुल बिक्री का 70-75 प्रतिशत और 65-70 प्रतिशत हिस्सा होता है. इसमें से, घरेलू वस्त्रों के निर्यात में अमेरिका का 60 प्रतिशत और कालीनों के निर्यात में 50 प्रतिशत हिस्सा है. ट्रंप ने 30 जुलाई को भारत पर 25 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया था. इसके बाद 6 अगस्त को ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी एडीशनल टैरिफ लगा दिया है. जहां टैरिफ का एक हिस्सा 7 अगस्त से लागू हो चुका है तो दूसरा 27 अगस्त से लागू हो जाएगा.
अमेरिका के भारी टैरिफ के बीच, CITI ने कच्चे माल की आसान उपलब्धता के लिए सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की थी. CITI ने बताया कि भारत के लिए अमेरिकी टैरिफ दर 50 प्रतिशत निर्धारित की गई है और नई अमेरिकी दर बांग्लादेश जैसे प्रतिस्पर्धी देशों के लिए 20 प्रतिशत, इंडोनेशिया और कंबोडिया में 19-19 प्रतिशत और वियतनाम में 20 प्रतिशत है.
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