शासन ने जंगली हाथियों के हमले से होने वाली मौत के मामले में 6 लाख का मुआवजा वन विभाग की गले की हड्डी बन गया है. इसका कारण है कि एक किसान की हाथी के हमले में मौत के बाद उसकी 6 पत्नियों ने एक साथ ये राशि देने के लिए अपना अपना दावा ठोक दिया है. मामला जशपुर जिले के पत्थलगांव ब्लाक का है. कुछ दिन पहले पत्थलगांव के पास स्थित चिमटा पाली गांव में हाथी के हमले से एक किसान की मौत हो गई थी जिसकी क्षतिपूर्ति देने के लिए वन विभाग ने दावा आपत्ति की कार्यवाही शुरू की थी, तब मृतक किसान की अलग -अलग 6 पत्नी पत्थलगांव ब्लाक के कार्यालय पर जाकर राशि देने की मांग कर दी. एक साथ एक मृत किसान की 6 पत्नियों के दावे से अधिकारी के पसीने छूट गए हैं. किसान की मौत 26 जुलाई को हुई थी.
जशपुर जिले के अंतर्गत वन मंडल में आने वाले पत्थलगांव ब्लाक के अधिकारी कृपा सिंधु पैंकरा के समक्ष हाथी से जनहानि का मामला सामने आया है. इसमें एक दो नहीं बल्कि आधा दर्जन महिलाओं ने मृतक की पत्नी होने का दावा ठोंक दिया है. अजीबोगरीब स्थिति को देखते हुए वन अधिकारी ने सभी महिलाओं को अधिकारिक प्रमाण पत्र लाने को कहा है.वन अधिकारी कृपासिंधु पैंकरा ने बताया कि 26 जुलाई 2025 को बालाझार ग्राम पंचायत में आने वाले ग्राम चिमटा पानी में हाथी के हमले से एक किसान की मौत हो गई थी.
इस मामले में वन विभाग की टीम जब जनहानि मुआवजा प्रकरण बनाने के लिए मृतक के गांव पहुंची तो वहां 6 महिलाओं ने मुआवजा राशि के लिए पंच, सरपंच के प्रमाण पत्र दिखाते हुए पुख्ता दावा ठोंक दिया है. कुछ महिलाओं ने मृतक के साथ रह कर गुजर बसर करने की बात कही है तो दो महिलाओं ने बकायदा मृतक किसान द्वारा उन्हें परम्परा से मंगलसूत्र पहनाए जाने की फोटो देते हुए भी दावा किया है.वन अधिकारी कृपा सिंधु पैंकरा का कहना है कि इन महिलाओं की उपस्थिति से काफी जटिल समस्या उत्पन्न हो गई है. इसी वजह इन्हें सक्षम अधिकारी का प्रमाण पत्र मांगा गया है.
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ताकि हाथी से जनहानि का मामला दर्ज कर उच्च अधिकारी के सामने पेश किया जा सके. उन्होंने कहा कि फिलहाल ये सभी महिलाएं जल्दी से जल्दी अपने पक्ष में मृतक की पत्नी होने का प्रमाण पत्र लाने की बात कर रही हैं.
शासन के नियमानुसार हाथी हमले से मौत मामले में जो 6 लाख की राशि देने का प्रावधान है उसमें आवश्यक दस्तावेज जरूरी है. सभी 6 महिलाओं को शादी के प्रमाण पत्र के अलावा अन्य दस्तावेज जमा करने को कहा गया है. इस प्रक्रिया के तहत मृतक की पत्नी होने संबंधी प्रमाण लाने में जो भी महिला सफल हो जाएंगी उसी के पक्ष में मुआवजे की राशि के लिए प्रकरण बना दिया जाएगा.
रिपोर्ट : नरेश शर्मी
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