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ब्रोकली में फूलगोभी से 130 गुना अध‍िक होता है विटामिन-ए, सेहत के ल‍िए है बहुत फायदेमंद

ब्रोकली में फूलगोभी से 130 गुना अध‍िक होता है विटामिन-ए, सेहत के ल‍िए है बहुत फायदेमंद

कृष‍ि वैज्ञान‍िकों ने बताया क‍ि ब्रोकली में मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में सहायता प्रदान करते हैं. इसमें उपस्थित विटामिन-सी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमाता को बढ़ाता है. पोषण के साथ-साथ यह किसानों को आर्थिक रूप से सबल बनाने में सक्षम है, क्योंकि इसका रेट बाजार में बहुत अच्छा म‍िलता है.

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ब्रोकोली की खेती ब्रोकोली की खेती

ब्रोकली की पौष्टिकता को देखते हुए महानगरों में इसकी मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. लेक‍िन वर्तमान में इसकी खेती शहरी एवं बड़े किसानों तक ही सीमित है. इसकी खेती को बहुत अध‍िक व‍िस्तार नहीं हुआ है. जबक‍ि इसके गुणों की वजह से क‍िसानों को दाम अच्छा म‍िलता है. कृष‍ि वैज्ञान‍िकों का कहना है क‍ि इसमें विटामिन (ए एवं सी) और खनिज (कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन एवं पोटेशियम) प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके अलावा इसमें राइबो "लेविन, नियासिन एवं थायमिन पर्याप्त मात्रा में होते हैं. इसमें फूलगोभी से 130 गुना एवं पत्तागोभी से 22 गुना अधिक विटामिन ए होता है.

यदि किसानों द्वारा ब्रोकली की खेती सही तरीके से की जाए तो यह आय में वृद्धि का अच्छा विकल्प बन सकती है. कृष‍ि वैज्ञान‍िक दीपिका यादव, नीलेन्द्र सिंह वर्मा, योगेश आनंद राजवाड़े और केवीआर राव ने इसके गुणों के बारे में व‍िस्तार से जानकारी दी है. यह इतनी गुणकारी सब्जी है क‍ि इसका सभी को सेवन करना चाह‍िए. ब्रोकली का औषधीय महत्व है. 

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घातक रोगों से लड़ने में मददगार 

वर्तमान में दिन प्रतिदिन बढ़ते रोगों को देखते हुए खाद्य-सुरक्षा के साथ-साथ पोषण सुरक्षा को भी महत्व दिया जाने लगा है. इस लिहाज से ब्रोकली अन्य फसलों की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण है. इसमें पाए जाने वाले यौगिक कैंसर जैसे घातक रोगों से लड़ने में सहायता करते हैं. ऐसा इन वैज्ञान‍िकों ने भारतीय कृष‍ि अनुसंधान पर‍िषद (आईसीएआर) की एक पत्र‍िका में दावा क‍िया है. 

विषाक्त पदार्थों को न‍िकालता है 

कृष‍ि वैज्ञान‍िकों ने बताया क‍ि ब्रोकली में मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में सहायता प्रदान करते हैं. इसमें उपस्थित विटामिन-सी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमाता को बढ़ाता है. पोषण के साथ-साथ यह किसानों को आर्थिक रूप से सबल बनाने में सक्षम है, क्योंकि इसका रेट बाजार में कम से कम 40-60 रुपये प्रति किलो के बीच मिल जाता है.

दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक 

ब्रोकली गोभीवर्गीय सब्जियों के अंतर्गत आने वाली प्रमुख फसल है. इसका मूल रूप से सब्जी, सूप एवं सलाद के रूप में उपयोग किया जाता है. विश्व में चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा ब्रोकली उत्पादक देश है. भारत में ब्रोकली का उत्पादन लगभग 7.89 मिलियन टन होता है. देश के प्रमुख ब्रोकली उत्पादक राज्य पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गुजरात एवं झारखंड हैं. 

दो प्रकार की होती है ब्रोकली 

कृष‍ि वैज्ञान‍िकों का कहना है क‍ि ब्रोकली मुख्य तौर पर दो प्रकार की होती है. स्प्राउटिंग ब्रोकली एवं हैडिंग ब्रोकली. हैडिंग ब्रोकली फूलगोभी की तरह होती है एवं स्प्राउटिंग ब्रोकली में पौधे के साइड वाले भागों से अनेक छोटे आकार की गोभी निकलती हैं. यह प्रमुख तौर पर हरे, सफेद एवं बैंगनी रंग में पाई जाती है. भारत में हरे रंग की ब्रोकली अधिक लोकप्रिय है.

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