scorecardresearch
बीएचएम के इस्तेमाल पर केंद्र का बड़ा फैसला, डिस्टलरीज को इथेनॉल कोटा मिलने का रास्ता साफ 

बीएचएम के इस्तेमाल पर केंद्र का बड़ा फैसला, डिस्टलरीज को इथेनॉल कोटा मिलने का रास्ता साफ 

केंद्र ने चीनी मिलों और डिस्टलरीज को बड़ी राहत देते हुए इथेनॉल के लिए बीएचएम यानी भारी गुड़ या शीरा के उपयोग की अनुमति दे दी है. इससे कुछ चीनी मिलों और डिस्टलरीज पर छाया बंद होने का संकट छंट जाएगा. क्योंकि, दिसंबर से इसकी अनुमति मांगी जा रही थी.

advertisement
डिस्टलरीज को इथेनॉल कोटा मिलने का रास्ता साफ हुआ. डिस्टलरीज को इथेनॉल कोटा मिलने का रास्ता साफ हुआ.

इथेनॉल बनाने के लिए चीनी मिलें बीएचएम (B-heavy molasses) यानी भारी गुड़ या शीरा का इस्तेमाल करती हैं. लेकिन, चुनावों के मद्देनजर चीनी की कीमतों में उछाल के जोखिम को देखते हुए केंद्र ने बीएचएम के इस्तेमाल पर रोक लगा रखी थी, जिसे अब हटा लिया गया है. केंद्र ने चीनी मिलों और डिस्टलरीज को बड़ी राहत देते हुए इथेनॉल के लिए बीएचएम के उपयोग की अनुमति दे दी है. इससे कुछ चीनी मिलों और डिस्टलरीज पर छाया बंद होने का संकट छंट जाएगा. क्योंकि, अप्रैल के पहले हफ्ते में कुछ चीनी मिलों ने केंद्र से कहा था कि अगर अनुमति नहीं दी गई तो उनका संचालन ठप हो जाएगा. 

1 मई से पहले डिस्टलरीज को मिल जाएगा इथेनॉल कोटा 

केंद्र सरकार ने इथेनॉल बनाने के लिए चीनी मिलों के पास पड़े भारी गुड़ (बीएचएम) यानी शीरा के उपयोग की अनुमति दे दी है. रिपोर्ट के अनुसार ऐसे में अब ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (ओएमसी) की ओर से अगले 2-3 दिनों में डिस्टिलरीज को इथेनॉल कोटा फिर से आवंटित होने का रास्ता साफ हो गया है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस कदम से चीनी की उपलब्धता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि, चीनी मिलों के पास 31 मार्च तक पहले से मौजूद रहे बीएचएम स्टॉक को ही इथेनॉल बनाने में इस्तेमाल किया जाना है. 

पेट्रोल में इथेनॉल ब्लेंडिंग टारगेट पूरा करने की चुनौती 

सरकार को उम्मीद है कि 2023-24 इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (नवंबर-अक्टूबर) के लिए पेट्रोल के साथ इथेनॉल ब्लेंडिंग का टारगेट 15 प्रतिशत रखा गया है. जबकि, अभी तक 12 फीसदी ही इथेनॉल ब्लेंडिंग हो सकी है. इंडस्ट्री आंकड़ों से पता चलता है कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने चीनी के इस्तेमाल से बनने वाले 235 करोड़ लीटर इथेनॉल और अनाज बेस्ड प्लांट 166 करोड़ लीटर इथेनॉल खरीदने का टारगेट रखा है. इसमें से चीनी से लगभग 130 करोड़ लीटर इथेनॉल और अनाज बेस्ड प्लांट से 100 करोड़ लीटर इथेनॉल उपलब्ध कराया जा चुका है. 

सरकार के फैसले से डिस्टलरीज को मिली राहत 

केंद्र ने मार्च के अंतिम सप्ताह में उम्मीद जताई थी है कि 2023-24 चीनी सीजन (अक्टूबर-सितंबर) में भारत का चीनी उत्पादन 310 लाख टन होगा. क्योंकि 31 मार्च तक 295 लाख टन का उत्पादन किया जा चुका था. सरकार के अनुमानित 310 लाख चीनी उत्पादन के आंकड़े को 15 अप्रैल 2024 को छू लिया गया है. इसके बाद ही सरकार ने बीएचएम के इस्तेमाल की अनुमति दी है. इससे कुछ डिस्टलरीज पर छाए कामकाज ठप होने के संकट से राहत मिल गई है. 

ये भी पढ़ें -