MSP पर गेहूं की खरीद जारी है. इस साल गेहूं की सरकारी खरीद कई मोर्चो पर चुनौतीपूर्ण बनी हुई है. असल में गेहूं का स्टॉक 1 अप्रैल को बफर स्टाॅक से थोड़ा सा ही अधिक था. ऐसे में इस साल गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा करना महत्वपूर्ण है. जिसके तहत 320 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन गेहूं खरीद की जारी प्रक्रिया के बीच मौसम में हुए बदलाव ने किसानों और सरकारों को मुश्किल बढ़ाई हैं.
मसलन, बारिश और लू से गेहूं की फसल को नुकसान होने की संभावना बनी है. जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने गेहूं खरीद के नियमों में ढील दी है. आइए समझते हैं कि गेहूं खरीद के नियम क्या हैं. केंद्र सरकार ने गेहूं खरीद के किन नियमों में ढील दी है और इस छूट का किन राज्यों के किसानों को फायदा होगा.
MSP पर गेहूं खरीद के नियम बने हुए हैं, जिसके तहत MSP पर गेहूं खरीद के लिए नमी, चमक, सिकुड़े और टूटे दानों, गेहूं में दूसरी फसलों के दानाें की मात्रा जैसे नियमाें का पालन किया जाता है. FCI ने MSP पर गेहूं खरीद के लिए नमी की मात्रा 12 से 14 फीसदी तक रखी है. इससे अधिक नमी होने पर गेहूं की खरीदी नहीं होती है. वहीं एक क्विंंटल यानी कुल फसल में 6 फीसदी सिकुड़े या टूटे गेहूं के दाने की मात्रा निर्धारित की गई है. इसी तरह MSP पर बिकने आए गेहूं में दूसरे अनाजों की मात्रा 0.75 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए. वहीं चमक को लेकर भी नियम बने हुए हैं. गेहूं की चमक में 90 फीसदी होने पर MSP पूरा देने का प्रावधान है.
FCI की तरफ से MSP पर गेहूं खरीद के नियमों को लेकर मध्य प्रदेश और राजस्थान को छूट दी गई है. मसलन, इन दोनों राज्यों के किसानों को गेहूं खरीद के नियमों में छूट मिलेगी. बीते दिनों इन दोनों राज्यों में भी मौसम की वजह से गेहूं को नुकसान की खबरें सामने आई थी. गेहूं खरीद के बदले नियमों के तहत मध्य प्रदेश में सिकुड़े दानों की मात्रा 6 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दी गई है. इसी तरह राजस्थान में 20 फीसदी सिकुड़े दानों के साथ गेहूं की खरीदारी होगी. हालांकि टूटे हुए दानों की मात्रा 6 फीसदी रखी गई है. वहीं मध्य प्रदेश में गेहूं की चमक 50 फीसदी और राजस्थान में 70 फीसदी कर दी गई है. मसलन अब, मध्य प्रदेश में 50 फीसदी और राजस्थान में 70 फीसदी चमक वाले गेहूं को पूरी MSP दी जाएगी.
दोनों ही राज्यों में गेहूं की सरकारी खरीदारी 2400 रुपये प्रति क्विंटल हो रही है. असल में विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने दोनाें ही राज्यों से 2700 रुपये क्विंटल पर गेहूं की खरीदारी करने का वादा किया था. इसी क्रम में सरकार बनने बाद दोनों ही राज्याें की सरकार ने गेहूं की MSP 2275 रुपये पर 125 रुपये का बोनस देने की घोषणा की है. जिसके तहत 2400 रुपये क्विंटल पर गेहूं की खरीदारी हो रही है.
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