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आलू क्‍यों बना 'सोना'... 50 रुपये किलो तक पहुंचेंगे दाम! कोल्‍ड स्‍टोरेज में स्‍टॉक रखने वाले किसानों के लिए क्‍या फरमान

आलू क्‍यों बना 'सोना'... 50 रुपये किलो तक पहुंचेंगे दाम! कोल्‍ड स्‍टोरेज में स्‍टॉक रखने वाले किसानों के लिए क्‍या फरमान

आलू उत्‍पादन के मामले में भारत का दुनिया में दूसरा स्‍थान है. भारत में चीन के बाद दुनिया का सबसे अधिक आलू होता है. वहीं माना जाता है कि ग्‍लोबल फूड सिक्‍योरिटी यानी भूख मिटाने में आलू की भूमिका अहम है.

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आलू के दामों में इस वजह से लगी आग आलू के दामों में इस वजह से लगी आग

प्‍याज-टमाटर के बढ़े भावों ने बीते दिनों आम आदमी का बजट बिगाड़ दिया था. मसलन, टमाटर के दाम 200 रुपये किलो तक पहुंच गए थे, लेकिन इन दिनों सब्‍जियों के राजा यानी आलू ने आम आदमी की मुश्‍किलें बढ़ाई हुई हैं. मसलन, लो बजट और अपने गुण-स्‍वाद की वजह से हर सब्‍जी के साथ प्रयोग होने वाला आलू इन दिनों सोना बना हुआ है. यानी आलू के दाम इन दिनों बढ़े हुए हैं. इस वजह से आम आदमी का बजट बिगड़ा हुआ है.

माना जा रहा है कि आने वाले महीनों में आलू के दाम कई क्षेत्रों में 50 रुपये किलो पार तक पहुंच सकते हैं. आइए इसी कड़ी में समझने की कोशिश करते हैं कि देश में आलू क गणित क्‍या है. आलू के दामों में बढ़ोतरी का कारण क्‍या है और क्‍यों कहा जा रहा है कि आने वाले महीनों में आलू के दाम 50 रुपये किलो पार तक पहुंच सकते हैं. साथ ही ये भी जानेंगे कि आलू के दामाें में इस बढ़ोतरी से किसानों को क्‍या मिलेगा.

आलू उत्‍पादन में दूसरे नंंबर पर भारत, यूपी में सबसे अधिक पैदावार

आलू उत्‍पादन के मामले में भारत का दुनिया में दूसरा स्‍थान है. भारत में चीन के बाद दुनिया का सबसे अधिक आलू होता है. वहीं माना जाता है कि ग्‍लोबल फूड सिक्‍योरिटी यानी भूख मिटाने में आलू की भूमिका अहम है. देश में आलू उत्‍पादन की बात करें तो यूपी में सबसे अधिक आलू का उत्‍पादन होता है.

यूपी की आलू उत्‍पादन में हिस्‍सेदारी लगभग 29 फीसदी है, जबकि दूसरे स्‍थान पर लगभग 23 फीसदी उत्‍पादन के साथ वेस्‍ट बंगाल है. वहीं तीसरे नंबर पर 17 फीसदी हिस्‍सेदारी के साथ बिहार है. इसी तरह कुल उत्‍पादन में बिहार के बाद गुजरात (7 फीसदी), मध्‍य प्रदेश (6 फीसदी) शामिल हैं. 

बंगाल में कम उत्‍पादन ने आलू को बनाया सोना  

आलू को साेना बनाने यानी आलू के दामों में बढ़ोतरी के पीछे बंगाल की भूमिका बेहद अहम रही है. असल में मार्च में केंद्रीय कृषि व किसान कल्‍याण मंत्रालय ने वर्ष 2023-24 में सब्‍जियों के उत्‍पादन को लेकर पहला अग्रिम अनुमान जारी किया था, जिसके मुताबिक साल 2023-24 में देश में आलू का उत्‍पादन लगभग 589.94 लाख टन होने की उम्मीद है, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 12 लाख टन कम है, पिछले साल लगभग 601.42 लाख टन आलू का उत्‍पादन हुआ था.

मंत्रालय की तरफ से जारी अनुमान के मुताबिक पश्चिम बंगाल में पिछले वर्ष की तुलना में आलू उत्‍पादन में कमी दर्ज की गई है. मालूम हो कि पश्‍चिम बंगाल आलू उत्‍पादन में देश के अंदर दूसरे स्‍थान पर है. 

कृषि मंत्रालय के इस पहले अग्रिम अनुमान की व्‍यवहारिकता पर बात करें तो जमीन पर इसका असर दिखा था, जिसमें इस सीजन यानी जनवरी से मार्च में जब आलू की आवक होती है, तब ही आलू के दामों में तेजी दर्ज की गई थी. वहीं पिछले सालों की तुलना में आलू के दामों में अभी भी तेजी दर्ज की गई है.

दक्षिण भारत जा रहा यूपी का आलू 

पश्‍चिम बंगाल में आलू उत्‍पादन में आई मामूली कमी की वजह से देशभर में आलू का गणित बिगड़ा हुआ है. इस वजह से दिल्‍ली-एनसीआर जैसे शहरों में ही अच्‍छी क्‍वालिटी वाला आलू 40 रुपये किलो के पास पहुंच गया है. आलू के दामों में इन बढ़ोतरी को लेकर आगरा-अलीगढ़ के आलू कारोबारी धीरेंद्र शर्मा कहते हैं कि इस वक्‍त दक्षिण भारत में आलू की कमी है. आलम ये है कि इस वक्‍त कर्नाटक की मंडियों में ही आलू 38 रुपये किलो बिक रहा है. दाम बेहतर मिलने की वजह से अधिक खेप दक्षिण भारत जा रही है. 

जुलाई तक दामों में तेजी, कोल्‍ड से आलू अब आएगी 

आलू के दामों में ये तेजी जुलाई तक रहेगी. इसके बारे में आगरा-अलीगढ़ के आलू कारोबारी धीरेंद्र शर्मा कहते हैं कि जुलाई तक आलू के दामों में ये तेजी रहेगी. मसलन, 50 किलो तक आलू के दाम पहुंच सकते हैं. वह बताते हैं कि अगस्‍त में कर्नाटक के हसन आलू की आवक हो जाएगी. इस वजह से दक्षिण भारत में आलू की आवक सामान्‍य हो जाएगी. यूपी में कोल्‍ड स्‍टोरेज 80 फीसदी तक भरे हैं. ऐसे में आलू के दामों में जुलाई तक तेजी रहेगी. वहीं एक अन्‍य कारोबारी कहते हैं कि जिन किसानों ने कोल्‍ड स्‍टोरेज पर आलू रखा हुआ है. उन्‍हें इस बार बेहतर दाम मिलने की उम्‍मीद है. पिछले साल की तुलना में दाम 20 फीसदी तक अधिक हो सकता है.