Basant Panchami 2023: जानें कब है बसंत पंचमी, कैसे देश भर में मनाया जाता है इसका जश्न

Basant Panchami 2023: जानें कब है बसंत पंचमी, कैसे देश भर में मनाया जाता है इसका जश्न

भारत के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल में भी बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. बसंत पंचमी को अलग-अलग नाम से बुलाया जाता है. दक्षिण भारत में श्री पंचमी के और इंडोनेशिया में इसे हरि राया सरस्वती के नाम से मनाया जाता है. उत्तर भारत में बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है.

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Basant Panchami 2023: जानें कब है बसंत पंचमी, कैसे देश भर में मनाया जाता है इसका जश्न जानें कब है बसंत पंचमी 2023 (Basant Panchmi 2023)

ऋतुराज कही जाने वाली बसंत ऋतु दस्तक देने वाली है. बसंत पंचमी के दिन ही बसंत ऋतु की शुरुआत मानी जाती है. कहा जाता है कि बसंत पंचमी के बाद ठंड का मौसम खत्म होने लगता है. पंचांग के अनुसार यह त्योहार माघ महीने के पांचवें दिन यानी पंचमी को मनाया जाता है. भारत के अलावा भी कई देशों में बसंत पंचमी का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. नेपाल में जहां इसे बसंत पंचमी ही कहा जाता है. वहीं दक्षिण भारत में श्री पंचमी और इंडोनेशिया में हरि राया सरस्वती के नाम से सेलिब्रेट किया जाता है. अब जान लीजिए कि इस बार बसंत पंचमी का यह त्योहार किस दिन मनाया जाएगा.

बसंत पंचमी 2023 तिथि और समय

इस साल यानी 2023 में बसंत पंचमी 25 और 26 जनवरी को पड़ रही है. पंचमी तिथि 25 जनवरी को दोपहर 12:34 बजे से शुरू होगी और 26 जनवरी को सुबह 10:28 बजे समाप्त होगी. ऐसे में आप दोनों ही दिन बसंत पंचमी का आनंद उठा सकते हैं. हालांकि पूजा इत्यादि के विशेष मुहूर्त को देखते हुए सूर्योदय की तिथि के अनुसार बसंत पंचमी की तिथि 26 जनवरी मानी जा रही है.

बसंत पंचमी से जुड़ी मान्यताएं

देश भर में बसंत पंचमी से जुड़ी कई मान्यताएं हैं. इस दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. अक्सर लोग बच्चों का एडमिशन या कोई भी नया काम इस दिन शुरू करते हैं. माना जाता है कि इस दिन कोई भी नया काम शुरू करते हैं तो वह बहुत फलदायी होता है क्योंकि इस दिन मां सरस्वती की कृपा होती है. वह आपका मार्गदर्शन कर अच्छा निर्णय लेने में आपकी मदद करती हैं. 

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कैसे मनाई जाती है बसंत पंचमी

बसंत पंचमी के मौके पर हिंदू घरों में तरह-तरह के शुभ कार्य किए जाते हैं. बसंत पंचमी के दिन पश्चिम बंगाल, बिहार और असम में मां सरस्वती की पूजा की जाती है. इस दिन लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं. कई जगहों पर इस दिन पीला भोजन बनाए जाने की भी परंपरा है.

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