सोमनाथ जिले के गिर गढड़ा तालुका के मोहब्बतपरा गांव के पास रावल नदी में एक शेर का शव मिलने से हड़कंप मच गया. यह घटना गुजरात में लगातार बढ़ती शेरों की संख्या और उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है. गुजरात के सोमनाथ जिले में रावल नदी में एक शेर का शव तैरता हुआ पाया गया. आमतौर पर शेर पानी से दूरी बनाकर रखते हैं और उनके डूबने की घटनाएं बेहद ही कम होती हैं. इसलिए इस घटना ने वन विभाग और स्थानीय लोगों को चौंका दिया.
जैसे ही मोहब्बतपरा गांव के पास रावल नदी में शेर का शव मिलने की सूचना मिली, तुरंत जसाधर RFO सहित वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. टीम ने तुरंत जांच शुरू की और मामले की तह तक जाने का प्रयास किया.
जांच के दौरान, धोकड़वा गांव के 30 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जिसमें एक संदिग्ध ट्रैक्टर की पहचान हुई. इसके आधार पर जांच का रुख नागडिया गांव की ओर गया. शक के आधार पर दो किसानों को हिरासत में लिया गया और उनसे पूछताछ शुरू की गई.
पूछताछ में सामने आया कि दोनों किसानों ने अपने मूंगफली के खेतों को जंगली सूअरों से बचाने के लिए चारों ओर बिजली के तार लगा दिए थे. दुर्भाग्यवश, शेर उन तारों के संपर्क में आया और करंट लगने से उसकी मौत हो गई.
शेर की मौत के बाद, दोनों किसानों ने साक्ष्य छिपाने के इरादे से उसके शव को ट्रैक्टर में रखा और रात के 2 बजे करीब 10 किलोमीटर दूर मोहब्बतपरा गांव के पास रावल नदी में फेंक दिया.
वन विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. पूछताछ अभी भी जारी है.
गुजरात में शेरों की संख्या भले ही बढ़ रही हो, लेकिन इस तरह की घटनाएं यह बताती हैं कि उनकी सुरक्षा के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है. खेतों में करंट वाले तार लगाना न सिर्फ अवैध है, बल्कि वन्य जीवों के लिए घातक भी साबित हो सकता है.
यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि वन्य जीवों की रक्षा के लिए समाज और सरकार को मिलकर जागरूकता फैलानी होगी. साथ ही, किसानों को भी सुरक्षित और वैध तरीके अपनाने चाहिए ताकि जानवरों और इंसानों दोनों का जीवन सुरक्षित रह सके. (ब्रिजेश दोशी का इनपुट)
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