पाकिस्तान से सटे राज्यों के किसानों को मोदी सरकार ने दिया बड़ा भरोसा, खेती पर नहीं आएगी आंच

पाकिस्तान से सटे राज्यों के किसानों को मोदी सरकार ने दिया बड़ा भरोसा, खेती पर नहीं आएगी आंच

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अभी जो देश की परिस्थितियां हैं, उनमें सीमा पर जवान भी लड़ रहा है और सीमा का किसान भी लड़ रहा है. हमारे किसान भाई बहन देश और देश के जवान के लिए अपने खेतों में तैयार हैं. कई किसान भाईयों को सुरक्षा के कारणों से, उनकी जहां खेती है, वहां से थोड़ा दूर रखा गया है ताकि उनकी जिंदगी सुरक्षित रहे.

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पाकिस्तान से सटे राज्यों के किसानों को मोदी सरकार ने दिया बड़ा भरोसा, खेती पर नहीं आएगी आंचकेंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की समीक्षा बैठक

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को गुजरात, राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर राज्यों के सीमावर्ती जिलों के किसानों की खेती एवं उनके लिए उपलब्ध खाद- बीज और बाकी संसाधनों के बारे में समीक्षा की. समीक्षा बैठक में केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह ने इन जिलों के किसानों के कृषि संबंधी कार्यों की समुचित व्यवस्थाओं के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. आपको बता दें कि 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही भारत-पाकिस्‍तान के बीच युद्ध के हालात हैं.  

जवान और किसान दोनों लड़ रहे 

समीक्षा बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अभी जो देश की परिस्थितियां हैं, उनमें सीमा पर जवान भी लड़ रहा है और सीमा का किसान भी लड़ रहा है. हमारे किसान भाई बहन देश और देश के जवान के लिए अपने खेतों में तैयार हैं. कई किसान भाईयों को सुरक्षा के कारणों से, उनकी जहां खेती है, वहां से थोड़ा दूर रखा गया है ताकि उनकी जिंदगी सुरक्षित रहे. उन्‍होंने कहा कि लेकिन अब यह जरूरी है कि सीमावर्ती क्षेत्र के हर राज्य के किसान चाहें वो पंजाब के हों, राजस्थान के हों, जम्मू-कश्मीर के हों, बाकी प्रांतों के हों, उनकी खेती हम कैसे सुरक्षित रख पाएं, यह सरकार की जिम्मेदारी है. 

खरीफ की बुवाई ठीक से हो सके 

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने आला अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए. उन्‍होंने कहा कि अभी की परिस्थितियों में अगर सीमावर्ती जिलों के किसान आज खेती नहीं कर पा रहे हैं तो कल उन्हें किस तरह के सीड्स की जरूरत होगी, विशेषकर खरीफ की फसल के लिए, प्लांटिंग मटेरियल क्या चाहिए, ऐसी सारी जरूरतों को एक बार आकलन कर लिया जाए. उसके बाद हम इन सभी चीजों को उपलब्ध कराएंगे ताकि किसान खरीफ की बुवाई ठीक से कर सकें.   

किसान की चिंता, हमारी ड्यूटी 

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने मीटिंग में कहा कि जवानों की तरह किसान भी वहां जूझते हैं तो उनकी चिंता करना हमारी ड्यूटी है, इसलिए यह मीटिंग बुलाई गई है. जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात का बड़ा हिस्सा इस तरह की परिस्थितियों से प्रभावित होता है. साथ ही हिमाचल प्रदेश, हरियाणा इन सभी प्रदेशों के सीमावर्ती क्षेत्रों में किस- किस तरह के बीजों की उपलब्धता और खेती में किसानों के लिए क्‍या-क्‍या किया जा सकता है, इस पर भी मीटिंग में चर्चा हुई है. 

खेती और बीजों की उपलब्धता 

मीटिंग में जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों में खेती और बीजों की उपलब्धता पर विचार किया गया. कृषि मंत्री ने बताया कि सीमावर्ती इलाकों में कुल कितनी जमीन है, कितने किसान प्रभावित हैं, कौन-कौन सी फसलें होती हैं और उन्हें किन सुविधाओं की जरूरत है, इसका आकलन राज्य सरकारों के साथ मिलकर किया जाएगा. 

आदान की कोई कमी नहीं

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि यूरिया, DAP, NPK जैसे पेट्रोकेमिकल आधारित इनपुट्स और डीजल की आपूर्ति की भी समीक्षा की जाएगी. हालांकि देश में इनकी अभी कोई कमी नहीं है. जरूरी वस्तुओं की बफर स्टॉक की उपलब्धता और बाकी उठाए गए मुद्दों की भी समीक्षा की जाएगी. संबंधित मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों से बात करके यह जाना जाएगा कि उन्हें कृषि या ग्रामीण विकास विभाग से किस प्रकार का सहयोग चाहिए. 

बॉर्डर के गांवों की हो पहचान 

केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बॉर्डर के 10–15 किलोमीटर की पट्टी में आने वाले गांवों की पहचान की जाए और पता लगाया जाए कि वहां कितनी खेती योग्य जमीन है. साथ ही  इन गांवों में खरीफ की कौन-कौन सी फसलें बोई जाती हैं, इसका डेटा पंजाब, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश के लिए जुटाएं. इसके अलावा जिन किसानों की खेतों तक पहुंच नहीं है, उनकी मदद कैसे की जाए, इसका भी प्लान राज्य सरकारों के साथ मिलकर बनाएं. कृषि मंत्री के अनुसार खरीफ की बुवाई प्रभावित न हो, इसके लिए किसानों से संपर्क कर उनकी सहायता की जाएगी. 

मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों से चर्चा

बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने अधिकारियों से कहा कि इस बात का पता लगाया जा कि ऐसे कितने किसान हैं, जो विस्थापित हैं या खेतों तक नहीं पहुंच पा रहे ताकि उन्‍हें दिमाग में रखकर योजना बनाई जा सके.  कुल जमीन, उसमें बोई जाने वाली फसलें, किसानों की संख्या और फसल के लिए जरूरी सामग्री, इन सभी का कलेक्टिव रिव्‍यू किया जाएगा. कृषि विभाग की तरफ से राज्यों को किस तरह की मदद देनी है, इसके लिए संबंधित मुख्य सचिवों, सचिवों और राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की जा रही है. 

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