Kisan Career: एग्री ड्रोन में सुनहरा भविष्य, ग्रामीण क्षेत्र के युवा 10 हजार फीस देकर बना सकते हैं कमाई वाला करियर

Kisan Career: एग्री ड्रोन में सुनहरा भविष्य, ग्रामीण क्षेत्र के युवा 10 हजार फीस देकर बना सकते हैं कमाई वाला करियर

यूं तो ड्रोन का इस्तेमाल कई सेक्टर में किया जा रहा है, लेकिन कृषि क्षेत्र में इसके इस्तेमाल पर खासा जोर दिया जा रहा है. ताकि फसलों में लगने वाले समय और खर्च को बचाया जा सके और गुणवत्ता को बरकरार रखा जा सके. इसके इस्तेमाल और रखरखाव को देखते हुए ड्रोन की पढ़ाई करने वाले या ट्रेनिंग ले चुके युवाओं की मांग तेजी से बढ़ रही है. कई सरकारी और निजी संस्थान ड्रोन की ट्रेनिंग और पढ़ाई करा रहे हैं.

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Kisan Career: एग्री ड्रोन में सुनहरा भविष्य, ग्रामीण क्षेत्र के युवा 10 हजार फीस देकर बना सकते हैं कमाई वाला करियरकौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय किसान ड्रोन ऑपरेटर (Kisan Drone Operator) की ट्रेनिंग दे रहा है.

खेती-किसानी में लागत और समय की बचत के लिए तेजी से तकनीक का इस्तेमाल बढ़ रहा है. फसलों में कीटनाशक छिड़काव से लेकर डाटा कलेक्शन, मैपिंग और खेत का सर्वे और निगरानी रखने तक के लिए ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. एग्रीकल्चर ड्रोन के जरिए किसानों को लगने वाले समय और खर्च में भारी बचत हुई है. हालांकि, ड्रोन की कीमत 10 लाख रुपये तक होने के चलते किसान इसे खरीदने में सक्षम नहीं हैं. इसलिए कृषि कार्यों के लिए ड्रोन ऑपरेटर या ड्रोन फ्लाइंग की ट्रेनिंग लेने वालों की मांग बढ़ी है. क्योंकि, सरकार भी एग्रीकल्चर ड्रोन को खेती में तेजी से इस्तेमाल के लिए बढ़ावा दे रही है. इसीलिए एफसीआई से समेत कई सरकारी संगठनों के अलावा निजी कंपनियां ड्रोन मैन्यूफैक्चरिंग से लेकर किसान तक इस्तेमाल के लिए जोर दे रही हैं और ऐसे लोगों की तलाश कर रही हैं जो ड्रोन ऑपरेशन में प्रोफेशनल हों. 

ड्रोन का इस्तेमाल और फायदे 

यूं तो ड्रोन का इस्तेमाल कई सेक्टर में किया जा रहा है, लेकिन कृषि क्षेत्र में इसके इस्तेमाल पर खासा जोर दिया जा रहा है. ताकि फसलों में लगने वाले समय और खर्च को बचाया जा सके और गुणवत्ता को बरकरार रखा जा सके. ड्रोन से अगर खेत में दवा छिड़काव की बात करें 1 एकड़ खेत में 6-15 मिनट में यह काम हो जाता है. जबकि, परंपरागत तरीके से छिड़काव करने में कई घंटे लगते हैं. इसी तरह ड्रोन से छिड़काव करने पर 10 लीटर में पूरा एक एकड़ हो जाता है, जबकि परंपरागत तरीके से करने पर कई लीटर अधिक दवा लगती है. इससे समय और खर्च तो बचता ही है, बल्कि फसल की गुणवत्ता में भी सुधार बना रहता है और परंपरागत तरीके से काम करने पर पौधों के टूटने या फसल खराब होने का खतरा भी नहीं होता है. 

सरकारी संस्थान और यूनिवर्सिटी में ड्रोन ट्रेनिंग   

ड्रोन के बढ़ते इस्तेमाल के चलते कई सरकारी संस्थानों में इसे ऑपरेट करने आदि के लिए सर्टिफिकेट कोर्स के साथ ही ट्रेनिंग कोर्स कराए जा रहे हैं. ड्रोन को ऑपरेट करने या उसे इस्तेमाल करने के लिए कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय किसान ड्रोन ऑपरेटर (Kisan Drone Operator) की ट्रेनिंग दे रहा है. उत्तर प्रदेश के अमेठी में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी, तेलंगाना सरकार की ड्रोन अकेडमी समेत कई राज्य सरकारें और कृषि मंत्रालय भी ड्रोन की ट्रेनिंग दे रहे हैं. इसके अलावा दिल्ली यूनिवर्सिटी ड्रोन कोर्स में पढ़ाई का मौका युवाओं को दे रही है. जबकि, कुछ दूसरे कृषि संस्थान और यूनिवर्सिटी ड्रोन की ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट कोर्स करा रहे हैं. 

दिल्ली यूनिवर्सिटी से ड्रोन की पढ़ाई 

दिल्ली यूनिवर्सिटी में युवाओं को ड्रोन बनाने, उड़ाने और मरम्मत करने की ट्रेनिंग देगी. यूनिवर्सिटी के स्कूल आफ ओपन लर्निंग के तहत पायलट ट्रेंनिंग फॉर ड्रोन नाम से एक कोर्स की शुरुआत की जा रही है. कोर्स के लिए एडमीशन 21 जुलाई से शुरू होंगे और आवेदन ऑनलाइन या ऑफलाइन जमा किए जा सकते हें. ये पूरा कोर्स 40 घंटे का होगा, जो कुछ महीनों में पूरा कराया जाएगा. इसमें स्टूडेंट्स को थ्योरी और प्रैक्टिकल नॉलेज भी दी जाएगी. ट्रेनिंग खत्म करने के बाद स्टूडेंट्स को ड्रोन पायलट का सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा.

  1. संस्थान - दिल्ली यूनिवर्सिटी 
  2. कोर्स - पायलट ट्रेंनिंग फॉर ड्रोन 
  3. प्रवेश योग्यता - 12वीं पास 
  4. फीस - पूरे कोर्स की फीस 10 हजार रुपये है.
  5. एडमिशन - 21 जुलाई 2024 से शुरू होंगे 

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी से ड्रोन कोर्स 

केंद्र सरकार के अधीन नागरिक उड्डयन मंत्रालय की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी उत्तर प्रदेश के अमेठी में है और ड्रोन पायलट ट्रेनिंग प्रोग्राम कोर्स पढ़ाया जाता है. इंस्टीट्यूट के अलावा गुरुग्राम, बेंगलुरु, ग्वालियर, कांगड़ा, कोयंबटूर, मदुरै और भोपाल में भी ड्रोन प्रशिक्षण दिया जाता है. 5 दिन के कोर्स में ड्रोन बनाने से लेकर उड़ाने तक की थ्योरी और प्रैक्टिकल जानकारी दी जाती है. 

  1. संस्थान - इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी
  2. कोर्स - ड्रोन पायलट ट्रेनिंग प्रोग्राम
  3. प्रवेश योग्यता - 10वीं पास 
  4. फीस - पूरे कोर्स की फीस 55 हजार से 65 हजार रुपये. 

नोटिफिकेशन देखने के लिए यहां क्लिक करें 

किसान ड्रोन ऑपरेटर ट्रेनिंग 

इसके अलावा केंद्र सरकार का कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की ओर से NSDC Academy में किसान ड्रोन ऑपरेटर (Kisan Drone Operator) की ट्रेनिंग देता है. इसमें किसान ड्रोन का परिचय, क्या है किसान ड्रोन, किसान ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग, फसल के लिए दवा मिश्रण और लोडिंग,  स्प्रे मॉनिटरिंग फॉर्म और डेटा सबमिशन, डाटा एनालिसिस समेत कई तरह की जानकारी दी जाती है. 

सरकारी और निजी क्षेत्र में नौकरी के अवसर 

सरकारी क्षेत्र में कृषि विभाग, कृषि संस्थानों और एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में नौकरी की जा सकती है. जबकि, निजी कंपनियों में ड्रोन ऑपरेटर के रूप में सर्वेयर, मैपिंग के तौर पर नौकरी हासिल की जा सकती है. निजी ड्रोन कंपनियों में भी अच्छे पैकेज पर नौकरी की जा सकती है. जबकि, ग्रामीण क्षेत्र में आप खुद का काम भी शुरू कर सकते हैं. 

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