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Agri Quiz: मिलेट्स का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन सा है?, यहां जानें जवाब

Agri Quiz: मिलेट्स का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन सा है?, यहां जानें जवाब

मोटे अनाजों की सबसे अधिक खेती अफ्रीका में की जाती है. वहां के कई देश इस खेती में शामिल हैं. यहीं से पूरी दुनिया को बड़े पैमाने पर मोटे अनाजों का निर्यात भी होता है. ऐसे में आपको जानना जरूरी है कि मिलेट्स का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौनसा है? आइए जानते हैं.

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मिलेट्स का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन सा है? मिलेट्स का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन सा है?

मौजूदा समय में मोटे अनाज यानी मिलेट्स की धूम भारत के अलावा पूरे विश्व में है. मिलेट्स को लोग बड़े ही चाव से अपने भोजन में शामिल करने लगे हैं. दरअसल कई देशों में खाद्य संकट को देखते हुए लोग मोटे अनाज की खेती की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं. वहीं भारत में भी जलवायु परिवर्तन और मोटे अनाज के फायदे को देखते हुए किसान इसकी खेती कर रहे हैं. वहीं भारत सरकार भी मिलेट्स की खेती के लिए किसानों को जागरूक कर रही है. ऐसे में भारत में आयोजित हो रहे किसी भी समारोह या आयोजनों में मेहमानों को मोटे अनाज से बने लजीज व्यंजन परोसे जा रहे हैं.

साथ ही वर्ष 2023 को भारत में अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स इयर भी मनाया गया. इसमें आट मोटे अनाज को शामिल किया गया जिसमें, कोदो, कुटकी, कंगनी, बाजरा, रागी, चीना, संवा और ज्वार है. ऐसे में आपको जानना जरूरी है कि मिलेट्स का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौनसा है? आइए जानते हैं.

यहां होता है सबसे अधिक उत्पादन

मोटे अनाजों की सबसे अधिक खेती अफ्रीका में की जाती है. वहां के कई देश इस खेती में शामिल हैं. यहीं से पूरी दुनिया को बड़े पैमाने पर मोटे अनाजों का निर्यात भी होता है. वहीं मिलेट्स का सबसे बड़ा उत्पादक देश भारत है का रोल भी इसमें काफी खास है क्योंकि भारत विश्व में पहला सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है. सरकारी आंकड़ा बताता है कि भारत 170 लाख टन मोटे अनाजों का उत्पादन करता है.

इन देशों में होती है अधिक खेती

भारत के अलावा जिन देशों में सबसे अधिक मोटे अनाजों की खेती होती है, उनमें नाइजर, चीन, नाइजीरिया, माली, सुडान, इथोपिया, बर्किना फासो, सेनेगल, चाड, पाकिस्तान, तंजानिया, नेपाल, रूस, यूक्रेन, युगांडा, म्यांमार, घाना और गिनी जैसे देश शामिल हैं. इन देशों में सबसे अधिक अफ्रीकी देश हैं जहां मिलेट सबसे अधिक उगाया जाता है.

पौष्टिक गुणों से भरपूर है मिलेट्स

मिलेट ईयर शुरू करने के पीछे कारण है मोटे अनाजों की खेती और खान-पान में इसके इस्तेमाल को बढ़ावा देना. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि मोटा अनाज प्रतिकूल जलवायु में भी उग सकता है. यह कई खतरनाक रोगों से हमारी रक्षा कर सकता है. साथ ही यह लाखों संसाधन रहित गरीब किसानों के लिए खाद्य और पशु-चारे का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं. वहीं भारत की पारिस्थितिक और आर्थिक सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके अलावा मिलेट्स पौष्टिकता से भरपूर गेहूं और चावल से बेहतर है क्योंकि यह प्रोटीन, विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं.