सुबह के वक्त आसानी से सस्ता मिलने वाला नाश्ता अगर कोई है तो वो आमलेट है. सस्ता इस मायने में भी कि 15 से 20 रुपये वाले किसी भी नाश्ते में इससे ज्यादा प्रोटीन नहीं मिलेगा. हमारे देश में बीते साल प्रति व्यक्ति 90 अंडे खाए गए थे. यह आंकड़ा कम इसलिए भी है कि अंडा खाने को लेकर हमारे देश में कई तरह के भ्रम हैं. बेशक खपत के मामले में हम कम हैं, लेकिन अंडा उत्पादन में हमारा देश विश्व की सूची में तीसरे नंबर पर है.
अंडा उत्पादन के मामले में देश के पांच राज्य एक तरफ और देश के बाकी राज्य एक तरफ हैं. अकेले पांच राज्य ऐसे हैं जहां देश के कुल अंडा उत्पाादन का 65 फीसद अंडा उत्पादन होता है. जबकि आंध्रा प्रदेश और तेलंगाना में प्रति व्यक्ति सबसे ज्यादा अंडे उपलब्ध हैं. अंडे को बढ़ावा देने के लिए नेशनल एग कोऑर्डिनेशन कमेटी (एनईसीसी) संडे हो या मंडे, रोज खाएं अंडे सरीखे विज्ञापन भी चला रही है.
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केन्द्रीय पशुपालन मंत्रालय की साल 2021 की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल देश में करीब 12 हजार करोड़ अंडों का उत्पादन हुआ था. इसमे से अकेले 65 फीसद यानि 7.8 हजार करोड़ अंडों का उत्पादन सिर्फ 5 राज्यों आंध्रा प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडू, पश्चि म बंगाल और कर्नाटक में ही हुआ था.
रिपोर्ट की मानें तो आंध्रा प्रदेश में 2.5 हजार करोड़ करोड़ यानि 20.45 फीसद अंडे, तेलंगाना में 15 सौ करोड़ 12.98 फीसद और तमिलनाडू में 2 हजार करोड़ 16.49 फीसद, पश्चिअम बंगाल 1050 करोड़ 8.60 और कर्नाटक में 761 करोड़ 6.24 फीसद अंडों का उत्पादन हुआ था.
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आंध्रा प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडू, पश्चिीम बंगाल और कर्नाटक के बाद 5 फीसद से ज्यादा अंडा उत्पादन करने वाले राज्यों में हरियाणा और महाराष्ट्रा हैं. पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष रिंकी लूथरा के अनुसार देश में 28 करोड़ से ज्यादा मुर्गियां अंडे की डिमांड को पूरा करती हैं. हालांकि ऐसी उम्मीद है कि साल 2025-26 तक अंडा देने वाली मुर्गियों की संख्या 32 से 33 करोड़ तक हो जाएगी.
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