खेत में जिप्सम डालने से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं? इस्तेमाल में किन बातों का रखें ध्यान

खेत में जिप्सम डालने से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं? इस्तेमाल में किन बातों का रखें ध्यान

आपको एक बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि जिप्सम या मिट्टी सुधारक का उपयोग मिट्टी की जांच के बाद ही करें. भूमि की आवश्यकता के अनुसार जिप्सम का आधा भाग गाय के गोबर में मिलाकर पहले वर्ष में और आधा भाग दूसरे साल डालें. जिप्सम डालते समय उसमें सोडियम आयन की मात्रा 1% से अधिक नहीं होनी चाहिए.

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खेत में जिप्सम डालने से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं? इस्तेमाल में किन बातों का रखें ध्यानक्या है जिप्सम और इसके फायदे

खेतों को उपजाऊ बनाने के लिए किसान कई तरह के खाद और उर्वरकों का इस्तेमाल करते हैं. इसका मुख्य कारण मिट्टी को उपजाऊ बनाना है ताकि फसल की पैदावार और गुणवत्ता दोनों अच्छी हो सके. ऐसे में किसान रासायनिक खाद के अलावा जैविक खाद का भी इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में अगर आप भी खेतों को उपजाऊ बनाना चाहते हैं तो आप भी खेतों में जिप्सम का इस्तेमाल कर सकते हैं. क्या हैं इनके फायदे और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए आइए जानते हैं. 

क्या है जिप्सम?

जिप्सम एक भूमि सुधारक उर्वरक है, जिसमें सल्फर (S) 18.6%, कैल्शियम (Ca) 23.3%, कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) और जिप्सम की शुद्धता 76% होती है. इसका उपयोग मिट्टी को सुधारने और उपजाऊ बनाने के लिए किया जाता है.

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कैसे काम करता है जिप्सम

मिट्टी में जिप्सम उर्वरक डालने के बाद जिप्सम मिट्टी में मौजूद नमक के साथ प्रतिक्रिया करता है और परिणामस्वरूप सोडियम सल्फेट और कैल्शियम ऑक्साइड का उत्पादन होता है. सोडियम सल्फेट घुलनशील होने के कारण मिट्टी में पानी की निकासी होती है और इससे मिट्टी का पीएच स्तर नियंत्रित रहता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता में सुधार होता है.

कैसे करें जिप्सम का सही इस्तेमाल

आपको एक बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि जिप्सम या मिट्टी सुधारक का उपयोग मिट्टी की जांच के बाद ही करें. भूमि की आवश्यकता के अनुसार जिप्सम का आधा भाग गाय के गोबर में मिलाकर पहले वर्ष में और आधा भाग दूसरे साल डालें. जिप्सम डालते समय उसमें सोडियम आयन की मात्रा 1% से अधिक नहीं होनी चाहिए. जुते हुए खेत में जिप्सम डालकर रोटावेटर की सहायता से मिट्टी में अच्छी तरह मिला देना चाहिए, लेकिन समतल जमीन पर लगाते समय कम से कम 20 सेमी मिट्टी में मिला दें, क्योंकि बारिश के बाद जिप्सम पानी के माध्यम से जल्दी इधर-उधर हो जाता है.

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क्या हैं जिप्सम के फायदे

  • फसल की कैल्शियम और सल्फर की जरूरतें पूरी हो जाती हैं.
  • पौधों का विकास और वृद्धि एक समान होती है.
  • जिप्सम में सल्फर की उपस्थिति के कारण फसलों पर लगने वाले रोग नियंत्रित होते हैं.
  • तिलहनी फसलों में तेल की मात्रा बढ़ाने में जिप्सम बहुत फायदेमंद है.
  • जमीन में जिप्सम के प्रयोग से नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, कैल्शियम और सल्फर की मात्रा बढ़ती है, जिससे उत्पादन बढ़ता है.
  • जमीन में जिप्सम के प्रयोग से जल निकास और परिवहन की क्षमता बढ़ती है.
  • मिट्टी के पीएच स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

  • जिप्सम को अधिक आर्द्रता वाले स्थानों पर न रखें.
  • जिप्सम का प्रयोग मृदा परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार करें.
  • जब हवा बहुत तेज़ हो तो जिप्सम का प्रयोग न करें.
  • जिप्सम की गांठों को पीसकर खेत में डालें.
  • जिप्सम डालते समय हाथ सूखे होने चाहिए.
  • जिप्सम डालने के बाद इसे मिट्टी में अच्छी तरह मिला दें.
  • जिप्सम को बच्चों से दूर रखें.
  • खड़ी फसल में दानेदार जिप्सम का प्रयोग करें.
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