
रबी सीजन आते ही किसान तिलहन फसल सरसों की खेती की तैयारी में लग गए हैं. इसकी खेती कम सिंचाई और कम लागत में आसानी से हो जाती है. साथ ही सरसों के तेल की डिमांड बाजारों में हमेशा बनी रहती है, क्योंकि सरसों के तेल के कई फायदे होते हैं. लेकिन खेती के समय कई किसान ये सोचकर परेशान रहते हैं कि किन किस्मों की खेती करें जिससे उन्हें अच्छी उपज मिले. ऐसे में अगर आप भी सरसों की खेती करने के लिए किसी किस्म की तलाश कर रहे हैं, तो आप RH-1706 किस्म का बीज NSC से ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
किसान अब तेजी से तिलहन फसलों की और रुख कर रहे हैं. इसके लिए सरकार भी किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. वहीं, इससे किसानों की बंपर कमाई भी हो रही है. इसलिए किसान बड़े स्तर पर सरसों उगा रहे हैं. ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन सरसों की बेस्ट क्वालिटी का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप एनएससी के ऑनलाइन स्टोर की वेबसाइट के लिंक पर जाकर ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं.
RH-1706 सरसों की एक खास वैरायटी है. सरसों की इस किस्म को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा विकसित किया गया है. ये एक उच्च-उपज वाली किस्म है. इस किस्म की खासियत ये है कि इससे प्रति हेक्टेयर 25-29 क्विंटल तक उत्पादन मिल सकता है. वहीं, ये किस्म 130-140 दिनों में पक कर तैयार हो जाता है. इसके अलावा ये वैरायटी ब्लाइट, रस्ट और एफिट जैसे रोगों के प्रति अधिक प्रतिरोधक है.
अगर आप सरसों की खेती करना चाहते हैं तो RH-1706 किस्म के 2 किलो के पैकेट का बीज फिलहाल 14 फीसदी छूट के साथ 300 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से सरसों की खेती कर सकते हैं. साथ ही इससे बेहतर मुनाफा भी कमा सकते हैं.
सरसों की खेती के लिए दोमट और बलुई मिट्टी उत्तम होती है. खेती के लिए मिट्टी को भुरभुरी बनाना आवश्यक होता है. साथ ही इसकी बुवाई अक्टूबर के महीने में करनी चाहिए. वहीं, बीज को पंक्तियों में 45-50 सेमी की दूरी पर बुवाई करें. फसल में खाद और उर्वरक के रूप में गोबर की खाद, डीएपी, यूरिया और सल्फर का प्रयोग करें. इस तरीके से सरसों की खेती करने पर किसानों को अधिक पैदावार मिलती है.
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