केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश भर में पीएंडके उर्वरकों पर सस्ती, रियायती और उचित दरें तय करने के लिए खरीफ 2025 के लिए 37,216.15 करोड़ रुपये की एनबीएस सब्सिडी को मंजूरी दी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "...प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा सुनिश्चित किया है कि किसानों पर बोझ न पड़े... डीएपी की कीमत 1350 रुपये प्रति 50 किलोग्राम बैग पर बनी रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने 37,216.15 करोड़ रुपये की एनबीएस सब्सिडी को मंजूरी दी है... इससे करोड़ों किसानों को लाभ होगा..."
इस फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा, आप सबको पता है कि कोविड के बाद खादों के दाम बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के ऊपर इसका बोझ नहीं आने दिया. डीएपी का दाम 1350 रुपये प्रति 50 किलो बोरी रहे, इसके लिए इसके लिए भारत सरकार 37,216 करोड़ रुपये की सब्सिडी का भार सहन करेगी, लेकिन किसानों के ऊपर बोझ नहीं आने देगी.
2025 के खरीफ सीजन के लिए बजटीय जरूरत लगभग 37,216.15 करोड़ रुपये होगी. यह 2024-25 के रबी सीजन के लिए बजटीय आवश्यकता से लगभग 13,000 करोड़ रुपये अधिक है. किसानों को सब्सिडी वाले, किफायती और उचित मूल्य पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी.
ये भी पढ़ें: टमाटर, मिर्च और बैंगन की फसलों को बचाने के लिए जरूरी सलाह, किसान तुरंत डालें ये दवा
केंद्रीय मंत्री ने कहा, उर्वरकों और इनपुट्स, यानी यूरिया, डीएपी, एमओपी और सल्फर की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में हाल के रुझानों को देखते हुए, सरकार ने एनपीकेएस ग्रेड सहित फॉस्फेटिक और पोटासिक (पीएंडके) उर्वरकों पर 01.04.25 से 30.09.25 तक प्रभावी खरीफ 2025 के लिए एनबीएस दरों को मंजूरी देने का फैसला किया है. उर्वरक कंपनियों को अधिसूचित दरों पर सब्सिडी दी जाएगी ताकि किसानों को सस्ती कीमतों पर उर्वरक उपलब्ध कराए जा सकें.
वैष्णव ने कहा, सब्सिडी का फैसला बहुत बड़ा है और इससे करोड़ों किसानों को फायदा मिलेगा. एनबीएस सब्सिडी के अंतर्गत पीएंडके उर्वरकों के 28 ग्रेड को कवर किया जाता है. इन उर्वरकों की कीमतें सस्ती दरों पर खाद निर्माता कंपनियों और आयातकों द्वारा तय की जाती हैं. खरीफ 2025 में 180 लाख मीट्रिक टन पीएंडके उर्वरकों की जरूरत होगी जिसके लिए सरकार ने 37,216 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी है.
ये भी पढ़ें: इस फसल पर अमेरिकी कीट का खतरा, खेतों में पहचान कर तुरंत करें ये उपाय
एक और बड़े फैसले में केंद्रीय कैबिनेट ने बिहार की कोसी मेची अंतर-राज्यीय लिंक परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना- त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (पीएमकेएसवाई-एआईबीपी) के अंतर्गत शामिल करने को मंजूरी दी. इस नदी जोड़ो परियोजना से सिंचाई और आर्थिक लाभ बहुत अधिक होंगे, जिसमें महत्वपूर्ण आपदा प्रबंधन उपाय भी शामिल होंगे. परियोजना की अनुमानित लागत 6,282.32 करोड़ रुपये है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today