Fertilizer Crisis: तमिलनाडु में उर्वरक संकट, सीएम स्‍टालिन ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी 

Fertilizer Crisis: तमिलनाडु में उर्वरक संकट, सीएम स्‍टालिन ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी 

Fertilizer Crisis: सीएम स्‍टालिन ने दावा किया कि भरपूर मॉनसून और प्रमुख जलाशयों में पर्याप्त जल भंडारण के कारण अधिक फसल कवरेज के बावजूद, उर्वरक निर्माताओं ने सही मात्रा में सप्‍लाई नहीं की है. उनका कहना था कि भारत सरकार की सप्‍लाई योजना के अनुसार अप्रैल 2025 से अगस्त 2025 तक यूरिया, डीएपी, एमओपी और कॉम्प्लेक्स उर्वरकों की आवश्यक मात्रा की राज्‍य में सप्‍लाई नहीं हुई है.

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Fertilizer Crisis: तमिलनाडु में उर्वरक संकट, सीएम स्‍टालिन ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी तमिलानडु के सीएम ने की पीएम मोदी से अपील

तमिलनाडु के मुख्‍यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में उन्‍होंने पीएम मोदी का ध्‍यान राज्‍य में मौजूद खाद और उर्वरक संकट की तरफ दिलाया है. स्‍टालिन ने पीएम मोदी से अपील की है कि राज्य के लिए उर्वरक की जल्‍द से जल्‍द सप्‍लाई सुनिश्चित की जाए. साथ ही इस चिट्ठी में उन्‍होंने बताया है कि राज्‍य में धान के किसानों को किस कदर उर्वरक की कमी से मुश्किलों का सामना करने को मजबूर होना पड़ रहा है. आपको बता दें कि उत्तर की ही तरह देश के दक्षिणी राज्‍य भी इस समय उर्वरक के गंभीर संकट से गुजर रहे हैं. 

धान के किसानों को परेशानी 

सीएम स्‍टालिन ने अपनी चिट्ठी लिखा है, 'तमिलनाडु देश के प्रमुख धान उत्पादक राज्यों में से एक है और सरकार राज्य में कृषि उत्पादन बढ़ाने और किसानों की आय बढ़ाने को सबसे ऊपर रखती है और यह उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. मॉनसून के जल्दी आने के कारण इस खरीफ मौसम में जून, 2025 से तमिलनाडु में धान की खेती जोरों पर है. अब तक, 5.661 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को धान के तहत कवर किया जा चुका है, जो पिछले साल की इसी अवधि के 5.136 लाख हेक्टेयर कवरेज से 0.525 लाख हेक्टेयर (10 फीसदी) ज्‍यादा है.  परिणामस्वरूप, राज्य भर में सीधे उर्वरकों की मांग में तेज वृद्धि देखी जा रही है.' 

कितनी सप्‍लाई और कितनी जरूरत 

सीएम स्‍टालिन ने दावा किया कि भरपूर मॉनसून और प्रमुख जलाशयों में पर्याप्त जल भंडारण के कारण अधिक फसल कवरेज के बावजूद, उर्वरक निर्माताओं ने सही मात्रा में सप्‍लाई नहीं की है. उनका कहना था कि भारत सरकार की सप्‍लाई योजना के अनुसार अप्रैल 2025 से अगस्त 2025 तक यूरिया, डीएपी, एमओपी और कॉम्प्लेक्स उर्वरकों की आवश्यक मात्रा की राज्‍य में सप्‍लाई नहीं हुई है. साथ ही उनका सप्‍लाई आवंटन सिर्फ 57 फीसदी ही है. स्‍टालिन ने आगे लिखा, 'इसलिए, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि प्‍लीज,  रसायन और उर्वरक मंत्रालय को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दें कि उर्वरक निर्माता तमिलनाडु को 27,823 मीट्रिक टन यूरिया, 15,831 मीट्रिक टन डीएपी, 12,422 मीट्रिक टन एमओपी और 98,623 मीट्रिक टन एनपीके कॉम्प्लेक्स की कमी वाली मात्रा तुरंत सप्‍लाई करें.' 

रबी सीजन के लिए भी मांग  

चिट्ठी में स्‍टालिन ने उर्वरक की अतिरिक्‍त मात्रा की मांग भी की है. उन्‍होंने लिखा, 'चूंकि खरीफ 2025 और आगामी रबी 2025 की मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन की संभावनाएं उज्ज्वल हैं, मैं केंद्र सरकार से सितंबर, 2025 के महीने के लिए तमिलनाडु को 40,000 मीट्रिक टन यूरिया, 20,000 मीट्रिक टन डीएपी, 20,000 मीट्रिक टन एमओपी और 40,000 मीट्रिक टन एनपीके कॉम्प्लेक्स अतिरिक्त रूप से आवंटित करने का भी अनुरोध करता हूं और अनुरोध करता हूं कि अतिरिक्त मात्रा में उर्वरक आवंटित करने के अलावा उर्वरकों की कमी वाली मात्रा की तुरंत आपूर्ति करने के लिए संबंधित को उपयुक्त निर्देश जारी किए जाएं, ताकि खरीफ और आगामी रबी के दौरान उर्वरकों की कमी से बचा जा सके.' सीएम स्टालिन ने अंत में लिखा है, 'यह मौसम के अनुसार है.' 

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