केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कृषि भवन, नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक कर किसानों से जुड़ी शिकायतों की समीक्षा की. बैठक में उर्वरक, बीज, कीटनाशक, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, पीएम किसान पोर्टल पर आने वाली शिकायतों पर विस्तार से चर्चा की गई.
इसके अलावा, शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली स्थित कृषि भवन में एक महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय बैठक की. बैठक का केंद्र बिंदु देशभर के कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) को अधिक प्रभावशाली और किसानोन्मुखी बनाना था. बैठक में केंद्रीय कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी, मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
चौहान ने यह भी कहा कि कुछ गंभीर शिकायतों में मंत्रालय सीधे हस्तक्षेप कर समाधान सुनिश्चित करेगा. बैठक में यह भी प्रस्तावित हुआ कि शिकायतों की समाधान समय-सीमा तय की जाए ताकि किसान लंबे समय तक इंतजार न करें.
चौहान ने बताया कि देश में 731 कृषि विज्ञान केंद्र कार्यरत हैं, जो किसानों तक तकनीक और नवाचार पहुंचाने का सबसे मजबूत माध्यम हैं. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि इन KVKs को और अधिक सशक्त, तकनीकी रूप से सक्षम और किसान हितैषी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तैयार किया जाए.
उन्होंने ICAR को निर्देश दिए कि सभी KVKs को पर्याप्त वित्तीय सहायता, योग्य मानव संसाधन, और तकनीकी समर्थन मुहैया कराया जाए. इसके अलावा, वैज्ञानिकों की योग्यता के अनुरूप पदोन्नति, अकादमिक समता (Academic Parity), और सेवानिवृत्ति से संबंधित लाभ की व्यवस्था पर भी गंभीरता से कार्य करने को कहा गया.
केंद्रीय मंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि KVKs प्राकृतिक खेती, इंटीग्रेटेड फार्मिंग, और कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए मॉडल इकाइयां बनाएं. साथ ही उन्होंने राज्य सरकारों, नीति आयोग और केंद्रीय वित्त मंत्रालय के साथ समन्वय बनाकर इन मुद्दों का हल निकालने की आवश्यकता भी जताई.
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