इफको किसानों को राहत देने के लिए एक बड़ी योजना चला रहा है. इस योजना का नाम है संकट हरण योजना. जैसा कि नाम से जाहिर है, यह योजना किसानों का संकट हरती है. यह योजना किसानों को संकट से निकालती है. इस योजना में किसानों को यूरिया या डीएपी खरीदने पर दुर्घटना बीमा का लाभ दिया जाता है. यूरिया या नैनो यूरिया के अलावा डीएपी खाद खरीदने पर संकट हरण योजना के तहत किसानों को दुर्घटना बीमा मुफ्त में मिल रहा है. हालांकि किसानों के बीच इस योजना की जानकारी बेहद कम है जिससे इसका सही-सही लाभ किसानों तक नहीं पहुंच पा रहा है.
संकट हरण योजना पूरी तरह से किसानों के लिए है. इस योजना का लाभ इफको के जरिये दिया जा रहा है. अगर कोई किसान यूरिया की 25 बोरी तक खाद खरीदता है, तो उसे एक लाख रुपये का दुर्घटना बीमा मुफ्त में दिया जाएगा. सबसे खास बात ये कि इस बीमा की मियाद एक साल तक रहती है. यानी किसान एक साल तक एक लाख रुपये दुर्घटना बीमा के लाभ का हकदार रहेगा. बीमा की मियाद खाद खरीदने के एक महीने बाद शुरू हो जाती है.
दूसरी ओर, अगर किसान नैनो यूरिया और डीएपी की 200 बोतल खरीदता है तो उसे 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा दिया जाएगा. बीमा की मियाद के भीतर किसान के साथ कोई दुर्घटना होती है तो उसके परिवार को दो लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा.
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा. जैसे, किसान अगर खाद खरीदते हैं उसकी पर्ची को संभाल कर रखना होगा. अक्सर देखा जाता है कि किसान खाद खरीदने के बाद या तो पर्ची फेंक देते हैं या फाड़ देते हैं. अगर ऐसा होता है तो दुर्घटना बीमा का लाभ नहीं मिलेगा क्योंकि यही पर्ची असली कागज है जिससे बीमा का लाभ दिया जाना है. इसके अलावा, नैनो यूरिया की बोतल और यूरिया की बोरियों पर भी बीमा की जानकारी दी गई रहती है जिसे किसानों को पढ़ना और समझना जरूरी है.
इसे देखते हुए यह योजना न सिर्फ किसानों को दुर्घटना की स्थिति में सुरक्षा देती है बल्कि अनहोनी की स्थिति में परिवार का भी सहारा बनती है. इसे देखते हुए किसानों को खाद की पर्ची सहेज कर रखनी चाहिए. यहां तक कि खाद की बोरी और बोतल को भी सहेज कर रखें क्योंकि वह आपको रद्दी दिख सकती है, लेकिन उसी से आपको 2 लाख रुपये तक का बीमा मिलना है.
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