Nano DAP: विदेश में नैनो उर्वरक का प्‍लांट लगाने जा रही इफको, ब्राजील को होगा फायदा 

Nano DAP: विदेश में नैनो उर्वरक का प्‍लांट लगाने जा रही इफको, ब्राजील को होगा फायदा 

Nano DAP: इफको नैनोवेंशन के अधिकारियों के अनुसार नैनो उर्वरकों के कई फील्ड ट्रायल के बाद यह प्रोजेक्‍ट का पहला फेज होगा. एक बार जब प्रॉडक्‍ट बाजार में आ जाएगा तो इससे और मांग पैदा होगी. इसके बाद ब्राजील में प्रोडक्शन कैपेसिटी को बढ़ाया जाएगा. ब्राजील प्‍लांट में ट्रायल प्रोडक्‍शन 2025 के अंत तक शुरू हो जाएगा.

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Nano DAP: विदेश में नैनो उर्वरक का प्‍लांट लगाने जा रही इफको, ब्राजील को होगा फायदा IFFCO News: ब्राजील में लगेगा इफको का पहला प्‍लांट

देश में नैनो यूरिया की शुरुआत के चार साल बाद, भारतीय किसान उर्वरक सहकारी संस्था इफको ब्राजील में नैनो-मिट्टी पोषक तत्वों की मैन्‍युफैक्‍चरिंग की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. जो जानकारी आ रही है उसके अनुसार कंपनी विदेश में अपना पहला प्‍लांट लगाने की तैयारी कर चुकी है. यह प्‍लांट इफको की सहायक कंपनी इफको नैनोवेंशन और ब्राजील की कंपनी नैनोफर्ट के बीच 7:3 ज्‍वॉइन्‍ट वेंचर के तहत लगाया जाएगा. हर साल यह प्‍लांट करीब 4.5 मिलियन लीटर नैनो-उर्वरक का उत्पादन करने में सक्षम होगा. 

क्‍या है इसका मकसद  

एक मीडिया रिपोर्ट ने इफको नैनोवेंशन के मैनेजिंग डायरेक्‍टर लक्ष्मणन अरुणाचलम के हवाले से लिखा है कि नैनो उर्वरकों के कई फील्ड ट्रायल के बाद यह प्रोजेक्‍ट का पहला फेज होगा. एक बार जब प्रॉडक्‍ट बाजार में आ जाएगा तो इससे और मांग पैदा होगी. इसके बाद ब्राजील में प्रोडक्शन कैपेसिटी को बढ़ाया जाएगा. ब्राजील प्‍लांट में ट्रायल प्रोडक्‍शन 2025 के अंत तक शुरू हो जाएगा. हालांकि अधिकारियों ने गोपनीयता का हवाला देते हुए ब्राजील में निवेश कितना हुआ, इस बारे में जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया. 

इस कदम का मकसद दक्षिण अमेरिकी देश में मक्का, सोयाबीन, गन्‍ना, कॉफी और दूसरी कई फसलों की उत्पादकता बढ़ाना है. कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत से आयातित नैनो फर्टिलाइजर के प्रयोग से उपज में वृद्धि के साथ उर्वरक के प्रयोग में कमी आई है. अधिकारियों का कहना है कि ब्राजील के किसान न सिर्फ उर्वरक के प्रयोग को कम करना चाहते हैं बल्कि वो उत्पादकता भी बढ़ाना चाहते हैं. 

ब्राजील के किसानों को होगा फायदा 

अधिकारियों का कहना है कि देश में यूरिया के प्रयोग में 20 फीसदी से ज्‍यादा की कमी आई है. साथ ही डीएपी मिट्टी में लगाया जाने वाला संभावित प्रयोग है. कुछ मामलों में, ब्राज़ील के किसान मांग और सप्‍लाई के बीच के अंतर को पाटने के लिए एक और पोषक तत्व के रूप में नैनो उर्वरक का उपयोग करते हैं. 

फर्टिलाइजर इंडस्‍ट्री से जुड़े कई विशेषज्ञों का कहना है कि नैनो फर्टिलाइजर के प्रयोग मक्का और सोयाबीन की उपज में 10 फीसदी तक का इजाफा हुआ है. जबकि गन्‍ने के मामले में उत्पादकता में 7 फीसदी से ज्‍यादा बढ़ी हे. ब्राजील जो कि इन फसलों का एक बड़ा उत्‍पादक है, उसके लिए यह बहुत बड़ी बात है. हाल ही में इफको के प्रबंध निदेशक यू एस अवस्थी ने कहा कि नैनो-उर्वरकों को अपनाने की गति उतनी तेज नहीं है जितनी कि उम्मीद थी. इसके साथ ही उन्होंने देश में नैनो-उर्वरकों को अपनाने की धीमी गति का जिक्र किया. 

अभी कितना है उत्‍पादन, कीमत  

हर साल कुल 289.5 मिलियन बोतलों (प्रति 500 मिली) के साथ नैनो-उर्वरक की मैन्‍युफैक्‍चरिंग अभी की जा रही है. इफको ने  वित्‍तीय वर्ष 2025 में क्रमश 26.5 मिलियन और 9.7 मिलियन बोतलें नैनो यूरिया प्लस और नैनो-डीएपी बेचीं हैं. यह 2023-24 की तुलना में 31 फीसदी और 118 प्रतिशत ज्‍यादा है.  इफको जल्द ही लिक्विड में नैनो जिंक और कॉपर पेश करेगी. साल 2017 में नैनो-फर्टिलाइजर रिसर्च शुरू होने के बाद से, इफको ने करीब 4,200 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. 

नैनो यूरिया 500 मिली की बोतल करीब 240 रुपये प्रति बोतल पर उपलब्ध है. जबकि नैनो लिक्विड डीएपी 600 रुपये प्रति बोतल पर उपलब्ध है. नैनो यूरिया की 500 मिली की बोतल पारंपरिक यूरिया के 45 किलोग्राम के बैग के बराबर होती है. वर्ष 2025-26 के लिए उर्वरक सब्सिडी 1.67 ट्रिलियन रुपये होने का अनुमान है. यूरिया के मामले में, किसान प्रति बैग 242 रुपये (45 किलोग्राम) की निश्चित कीमत चुकाते हैं, जबकि उत्पादन लागत करीब 2,650 रुपये प्रति बैग है. बाकी की राशि सरकार की तरफ से फर्टिलाइजर यूनिट्स को सब्सिडी के तौर पर दी जाती है. 

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