खरीफ सीजन से पहले मई में खाद आयात को लगा बड़ा झटका, इजरायल-ईरान युद्ध से रेट में हुई बढ़ोतरी

खरीफ सीजन से पहले मई में खाद आयात को लगा बड़ा झटका, इजरायल-ईरान युद्ध से रेट में हुई बढ़ोतरी

देशभर में खरीफ की बुवाई शुरू हो चुकी है, लेकिन इसी बीच उर्वरक आयात में भारी गिरावट देखने को मिली है. वैश्विक कीमतें बढ़ने से कंपनियां चिंतित हैं. वहीं, DAP की आपूर्ति को लेकर संकट गहराने की आशंका है.

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खरीफ सीजन से पहले मई में खाद आयात को लगा बड़ा झटका, इजरायल-ईरान युद्ध से रेट में हुई बढ़ोतरीमई में उर्वरक आयात में आई भारी गिरावट (सांकेत‍िक तस्‍वीर)

Fertilizer Import News: देशभर में किसानों ने खरीफ सीजन के लिए खेत तैयार करने और फसल बुवाई-रोपाई का काम शुरू कर दिया है. अब जल्‍द ही बुवाई का सीजन अपने चरम पर जाएगा और किसानों को खाद की जरूरत पड़ेगी. इस बीच खबर सामने आई है कि मई में डाई-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) और म्यूरेट ऑफ पोटाश (MOP) की वैश्विक कीमतों में तेज बढ़ोतरी के कारण भारत का उर्वरक आयात 44 प्रतिशत घट गया. उद्योग सूत्रों के अनुसार, सरकार ने कंपनियों से फिलहाल घाटा सहन करने और बाद में रबी सीजन की सब्सिडी में समायोजित करने के लिए कहा है. इस कारण जून में आयात बढ़ने की संभावना है.

उर्वरकों की कीमतों में आई तेजी

'बिजनेसलाइन' की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल-ईरान युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय अस्थिरता के चलते कीमते और बढ़ीं है. युद्ध से पहले जहां DAP की कीमतें 724 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 781 डॉलर प्रति टन तक पहुंचीं. वहीं, MOP की कीमतें भी 282 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 349 डॉलर प्रति‍ टन हो गईं. सरकार के अनुसार, 1 जून को यूरिया, DAP, MOP और मिश्रित उर्वरकों का कुल स्टॉक 136.69 लाख टन था, जो जून की अनुमानित मांग 59.42 लाख टन से कहीं ज्‍यादा है, लेकिन DAP की स्थिति खासकर चिंताजनक बनी हुई है.

खादों का घरेलू उत्‍पादन 15 प्रतिशत घटा

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 31 मई को DAP का क्‍लोजिंग स्टॉक 12.43 लाख टन था और जून के लिए DAP की मांग 10.62 लाख टन बताई गई थी. मई में घरेलू उत्पादन 15% से ज्‍यादा घट गया और वहीं DAP आयात 58.3% गिरकर 2.36 लाख टन रह गया.  वहीं, सभी उर्वरकों के स्‍टॉक की बात करें तो मई में कुल उर्वरक आयात 14.36 लाख टन से घटकर 8.07 लाख टन रह गया. यूरिया के आयात में 15.4% गिरावट, MOP के आयात में 83.7% गिरावट और मिश्रित उर्वरक में 23.5% गिरावट दर्ज की गई.

कच्‍चा माल भी हुआ महंगा

वहीं, उर्वरक बनाने में इस्‍तेमाल होने वाला कच्चा माल भी काफी महंगा हो गया है.  फॉस्फोरिक एसिड की आयातित कीमत मई में 948 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 1,055 डॉलर प्रति टन हो गई. इसमें 11.29% बढ़ोतरी दर्ज की गई. वहीं, रॉक फॉस्फेट की कीमत स्थिर रही. मई में यह 173 डॉलर प्रति टन थी, जो पिछले साल 175 प्रति टन थी.

मालूम हो कि सरकार ने चालू खरीफ सीजन के दौरान उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना के तहत 37,216.15 करोड़ रुपये की सब्सिडी मंजूर की है. इसमें नाइट्रोजन (N) के लिए 43.02 रुपये प्रति किग्रा, फॉस्फोरस (P) के लिए 43.60 रुपये प्रति किग्रा (रबी से ₹12.80/किग्रा अधिक), पोटाश (K) के लिए 2.38 रुपये प्रति किग्रा और सल्फर (S) के लिए 2.61 रुपये प्रति किग्रा (₹0.85/किग्रा वृद्धि) शामिल है.

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