हरियाणा के कई जिलों में डीएपी लेने के लिए किसानों की लंबी-लंबी लाइन लग रही है. इस महत्वपूर्ण खाद का वितरण पुलिस के पहरे में करना पड़ रहा है. जाहिर है कि जमीन पर हालात सामान्य नहीं हैं. लेकिन राज्य सरकार दावा कर रही है कि सब कुछ ठीक है. तो सवाल ये है कि क्या रबी फसलों की बुवाई के सीजन में किसान शौक से खाद के लिए लाइनों में लगे हैं? बहरहाल, सूबे के नए कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा है कि रबी सीजन के लिए कुल डीएपी की लगभग 70 फीसदी मांग पहले ही पूरी की जा चुकी है. जबकि 11 नवंबर तक राज्य में 46,495 मीट्रिक टन डीएपी और मिल जाएगी. उन्होंने किसानों को पैनिक खरीदारी से बचने की नसीहत देते हुए और जरूरत के अनुसार ही डीएपी खरीदने की अपील की. साथ ही दावा किया कि डीएपी की कमी के कारण कोई भी खेत बुवाई से नहीं छूटेगा.
रबी सीजन 24 सितंबर से शुरू होकर 25 मार्च तक चलेगा. सरकार का दावा है कि इस अवधि में खाद की रेगुलर उपलब्धता बनाए रखने के लिए प्रयास जारी है. राणा ने बताया कि प्रदेश सरकार की योजना 3 से 11 नवंबर के बीच हरियाणा में कुल 46,495 मीट्रिक टन डीएपी लाने की है. इसकी सप्लाई का बना हुआ है. इसके तहत 3 नवंबर को 7,938 मीट्रिक टन, 4 नवंबर को 12,007 मीट्रिक टन, 5 को 5,350 और 6 नवंबर को 5,250 मीट्रिक टन डीएपी पहुंचा है.
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आज 7 नवंबर को 2,700 मीट्रिक टन और 8 नवंबर को भी निर्धारित मात्रा में डीएपी की खेप आने की उम्मीद है. राणा ने कहा कि 9, 10, और 11 नवंबर को 2,650-2,650 मीट्रिक टन डीएपी की सप्लाई की जाएगी. इस तरह कुल 46,495 एमटी डीएपी नौ दिनों में राज्य को प्राप्त होगी. कृषि विभाग के नए आंकड़ों के अनुसार, इससे किसानों को आवश्यक डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी. अब देखना सरकार के इन दावों से जमीनी हालात बदलते हैं या फिर सिर्फ सरकारी कागजों में ही सब ठीक होता है.
राणा ने वर्तमान में डीएपी के भंडार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में वर्तमान में 6 नवंबर तक 28,670 मीट्रिक टन डीएपी का भंडार मौजूद है. कृषि मंत्री ने किसानों को नसीहत दी कि वे पैनिक खरीदारी से बचें और आवश्यकता अनुसार ही डीएपी खरीदें, ताकि सप्लाई चेन संतुलित रहे. उन्होंने कहा, "अगर किसान केवल अपनी जरूरत के अनुसार डीएपी खरीदेंगे तो यह सुनिश्चित हो सकेगा कि हर किसान को जरूरत के अनुसार खाद मिले और वितरण में किसी तरह की बाधा न आए.”
हरियाणा में पहली बार खाद का संकट पैदा नहीं हुआ है. इससे पहले 2021 में इसी तरह गेहूं और सरसों की बुवाई के वक्त सूबे में खाद का भयंकर संकट उत्पन्न हो गया था. तब दिल्ली के नजदीक मेवात में पुलिस थाने में खाद का वितरण करना पड़ा था. सरकारी दावों के बावजूद एक बार फिर हरियाणा रासायनिक खाद के संकट का सामना कर रहा है. हरियाणा में कांग्रेस और इनेलो नेता सरकार को घेर रहे हैं. इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने आरोप लगाया कि सरकारी संरक्षण में लोग डीएपी को ब्लैक में बेच रहे हैं.
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