खेती करना सबसे मुश्किल काम माना जाता है. किसानों के सामने कभी मौसम की मार तो कभी अन्य प्राकृतिक आपदा झेल रहे हैं. इस साल कई इलाकों में बारिश अच्छी हुई तो खाद की कमी एक समस्या बन गई. देशभर में खाद की कमी से किसानों को जूझते देखा गया है. अब ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बांदा से आया है. बांदा में खाद के लिए हाहाकार मचा हुआ है, आलम यह है एक एक बोरी खाद के लिए किसान तरस रहे हैं. खाद का संकट किसानों के लिए आफत बना हुआ है, सुबह से ही खाद केंद्रों में लंबी लंबी लाइन लगाने को किसान मजबूर हैं, जिससे प्रशासनिक दावों को पोल खुलती नजर आ रही है.
इसी क्रम एक बुजुर्ग किसान जो बीते कई दिनों से सुबह से रात तक लाइन में लगे रहे फिर भी खाद नही मिली. जिससे उनका धैर्य टूट गया और वो लाइन में ही खड़े-खड़े रहने रो पड़े. आसपास मौजूद किसानों ने उन्हें समझाया, जिसका वीडियो मौके से किसी ने बनाकर वायरल कर दिया.
खाद ना मिलने पर बुजुर्ग किसान के रोने का विडियो वायरल होते ही चर्चा में आ गया. इसके बाद मौके पर पहुंचे मंडी के अफसरों से किसानों की तीखी बहस भी हुई.
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वही प्रशासन का दावा है कि खाद की कोई कमी नहीं है और हमारे पास पर्याप्त स्टॉक है, सभी किसानों को खाद दी जाएगी. लेकिन कब यह किसान भी नही जानते, जिसके बाद किसान लगातार प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं.
किसानों ने बताया कि इन दिनों खाद केंद्रों में कई गांवो से सुबह-सुबह ही किसान आकर लंबी-लंबी लाइन लगा लेते हैं. खाद वितरण केंद्र प्रभारी अपने मन मुताबिक कुछ टोकन बांटता है, इसके बाद उन्हीं को खाद भी देता है. बाकी किसान लाइन में खाद लेने के लिए भूखे प्यासे इस उमस भरी गर्मी में लाइन में लगे रहते हैं, उनकी कोई सुनने वाला नही है.
इस साल देशभर के खाद वितरण केंद्र में लंबी-लंबी कतारें दिखाई देती हैं. हर वितरण केंद्र से तस्वीरें भी खूब वायरल होती हैं, कई बार किसानों को पीटा भी जाता है. बांदा के किसानों ने बताया कि हजारों की संख्या के किसान मौजूद रहते हैं, टोकन गिने-चुने लोगों को बांटा जा रहा है. उसी लाइन में पिछले कई दिनों खाद न मिलने की वजह से एक किसान का धैर्य टूट गया और वह लाइन में लगे लगे रोने लगे. यहां सिर्फ पावरफुल लोगों को ही खाद दी जा रही है, किसानों ने कालाबाजारी का भी आरोप लगाया है.
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