उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए योगी सरकार ने इस बार फिर से सख्त रुख अपनाया है. इसी क्रम में प्रदेश के मुख्य सचिव एसपी गोयल ने कहा कि पराली एवं फसल अपशिष्ट जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है. पराली जलाने की घटनाओं की सेटेलाइट के माध्यम से निगरानी की जा रही है. उन्होंने जिलाधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से इस संवेदनशील मुद्दे पर ध्यान देने और संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर ऐसी घटनाएं रोकने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए.
मुख्य सचिव गोयल ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि उनके क्षेत्र में ऐसी घटनाएं न हों. किसानों को पराली प्रबंधन के लिए वैकल्पिक उपायों के प्रति जागरूक किया जाए. साथ ही संवेदनशील जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए. उन्होंने यह भी कहा कि जिलाधिकारियों और अन्य अधिकारियों को समय-समय पर भ्रमण कर जायजा भी लिया जाए.
उधर, डिजिटल क्रॉप सर्वे अभियान को लेकर योगी सरकार पूरी तरह सक्रिय है. बैठक में बताया गया कि डिजिटल क्रॉप सर्वे के लिए कुल 90,153 ग्रामों में से 87,203 ग्रामों (96.73%) में सर्वे का कार्य शुरू हो चुका है. 20,257 ग्रामों (22.47%) में सर्वे पूर्ण हो चुका है. जनपद मीरजापुर 100%, एटा 97.72%, लखनऊ 97.57%, बाराबंकी 97.36%, कन्नौज 97.23%, खीरी 96.29%, औरैया 96.17%, बरेली 95.87%, बिजनौर 95.85%, ललितपुर 94.37%.
वहीं, अंबेडकर नगर 93.84%, मुरादाबाद 93.44%, शाहजहांपुर 93.02%, हमीरपुर 92.74%, भदोही 92.64%, बलिया 92.63%, श्रावस्ती 92.53%, जालौन 91.50%, फिरोजाबाद 91.25%, अमरोहा 91.24% डिजिटल क्रॉप सर्वे कार्य पूर्ण कर शीर्ष 20 जनपदों में शामिल हैं.
मुख्य सचिव एसपी गोयल ने कहा कि डिजिटल क्रॉप सर्वे एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्राथमिकता वाला कार्य है. इससे सरकार को खेत स्तर पर वास्तविक फसल की जानकारी मिल पाएगी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सर्वे में किसी भी तरह की लापरवाही, मनमानी या फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसी भी स्तर पर शिथिलता पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
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