बीज, उर्वरक और कीटनाशकों आदि की बिक्री में किसानों को धोखाधड़ी और मिलावट से बचाने के लिए प्रस्तावित कानून ईमानदारी से व्यवसाय करने वाले किसी भी कृषि इनपुट डीलर को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. हालांकि, ये सभी कानून किसानों के हित को प्राथमिकता देंगे. कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने यह बात पंढरपुर में आयोजित कृषि इनपुट विक्रेताओं की एक बैठक कही. उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियां या डीलर दुकानदारों को विभिन्न उर्वरकों, बीजों या कुछ दवाओं को लेने के लिए मजबूर करते हैं, जो ठीक नहीं है. कई संगठनों ने गुपचुप तरीके से इसकी शिकायत की है.
मुंडे ने कहा कि कृषि सामग्री बेचने वाले दुकानदार भी मूल रूप से किसान परिवारों से ही हैं. इसलिए, उन्हें अनुभव के साथ-साथ अपने क्षेत्र की मिट्टी की बनावट, वर्षा और अन्य पहलुओं की पूरी जानकारी होती है. इसलिए विक्रेताओं को इस बात की पूरी जानकारी होती है कि मौसम के अनुसार कौन सी फसल लेनी है, कौन से उर्वरक और कीटनाशकों का उपयोग करना है और कितनी मात्रा में करना है. इसलिए इनपुट विक्रेता किसानों के सलाहकार बनें.
ये भी पढ़ें: Sugarcane Price: किसानों के आक्रोश से गन्ना बिक्री मामले में बैकफुट पर सरकार, वापस हुआ फैसला
मिलावटी बीज, खाद और कीटनाशकों के इस्तेमाल से फसलों को होने वाले नुकसान पर किसानों को मुआवजा दिलाने का प्रावधान है. आरोप साबित होने पर मुआवजे की रकम संबंधित एग्री इनपुट को बनाने या बेचने वाले लोगों को ही पीड़ित किसान को देनी होगी. अगर एक महीने के भीतर मुआवजे का पैसा नहीं दिया गया तो पीड़ित किसानों को सलाना 12 फीसदी की दर से ब्याज भी मिलेगा. लेकिन, शिकायत तभी हो पाएगी जब किसान के पास सामान खरीद की रसीद होगी. वही कार्रवाई का आधार होगी. शिकायत प्राप्त होने के तुरंत बाद जांच समिति विस्तृत जांच के लिए शिकायतकर्ता के संबंधित क्षेत्र का दौरा करेगी.
महाराष्ट्र सरकार का मानना है कि मिलावटी, अमानक या गलत ब्रांड वाले बीज, उर्वरक या कीटनाशकों के उपयोग से फसलें खराब होती हैं. उपज कम हो जाती है. जिससे किसानों को आर्थिक तौर पर बड़ा नुकसान होता है. इसके तरह के मामलों में अब तक किसानों को मुआवजा दिलाने और ऐसे मामलों में उनकी शिकायतों के निवारण के लिए कोई प्रावधान नहीं है. इसलिए राज्य सरकार ऐसे गैर कानूनी काम करने वालों को दोषी ठहराकर किसानों को होने वाले ऐसे नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा दिलाना चाहती है. लेकिन, इससे कंपनियां और एग्री इनपुट बेचने वाले बेचैन हैं. मुंडे का कहना है कि ईमानदारी से काम करने वालों को डरने की कोई जरूरत नहीं है.
ये भी पढ़ें: Benefits of Mushrooms: खेती के बारे में बहुत सुना होगा आपने, अब मशरूम के फायदों को भी जान लीजिए
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today