मशरूम की खेती से कमाई की बात बहुत होती है, लेकिन आज हम बात करने वाले हैं इसके फायदों और औषधीय गुणों की. कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक मशरूम का सेवन मानव शरीर के लिए रामबाण के समान है. यह शरीर पर होने वाले विकारों यानी डिस्ऑर्डर पर नियंत्रण रखता है. मशरूम में मौजूद एंजाइम तथा रेशे कॉलेस्ट्रोल कम करके हृदय रोग से सुरक्षा प्रदान करते हैं. कॉलेस्ट्रोल के अलावा इसमें फैट और सोडियम कम पाए जाते हैं, जिसके कारण मशरूम अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक वरदान है. शुगर (0.5 प्रतिशत) तथा स्टार्च कम होने से शुगर रोगियों के लिए यह एक आदर्श आहार माना जाता है. कम ऊर्जायुक्त (35 कैलोरी) खाद्य पदार्थ होने के कारण मोटापा कम करने में भी यह मददगार है.
हिमाचल प्रदेश के सोलन स्थित खुंब अनुसंधान निदेशालय के कृषि वैज्ञानिक बृजलाल अत्री और अनुराधा श्रीवास्तव ने अपने एक पेपर में इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी है. इसके औषधीय गुणों को जानने से पहले यह समझते हैं कि मशरूम कितने तरह का होता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक मुख्य तौर पर यह पांच प्रकार का होता है. जिसमें श्वेत बटन, ढींगरी, दूधिया, पराली और शिटाके मशरूम शामिल हैं. मशरूम एक विशेष प्रकार का कवक यानी फंगस होता है. जिसका इस्तेमाल इसे ताजा और सुखाकर किया जाता है.
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कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि हमारे देश में जागरूकता के अभाव व अज्ञानतावश मशरूम आम लोगों का आहार नहीं बन पाया है. इसके लिए जागरूकता, उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाना बहुत जरूरी है. ताकि यह सभी के भोजन का अभिन्न अंग बन सके. इसमें मौजूद प्रति-ऑक्सीकारक जैसे एर्गोथियोनिन हमारी फ्री रेडिकल्स से रक्षा करते हैं. बीटा ग्लूकान्स और लिनोलिक अम्ल के एंटीकार्सिजेनिक प्रभाव के कारण प्रोस्टेट (पौरुष ग्रन्थि) तथा ब्रेस्ट (स्तन) कैंसर को नियंत्रित किया जा सकता है.
हड्डियों की मजबूती व शरीर की रोगरोधक क्षमता बढ़ाने में इसकी विशेष भूमिका है. मशरूम की कुछ किस्में शरीर में गांठें बनने से भी रोकती हैं, जो गांठें बाद में कैंसर का कारण बन सकती हैं. इसलिए इसका सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद है. गैनोडर्मा मशरूम औषधीय गुणों से भरपूर है. यह शरीर की रोगरोधक क्षमता, लीवर की सुरक्षा तथा कॉलेस्ट्रोल को कम करता है. कार्डिसेपस महत्वपूर्ण अंगों जैसे-फेफड़ों, यकृत, प्रजनन अंगों को सुरक्षित रखने के साथ-साथ शरीर की ताकत को बढ़ाती है. मशरूम न केवल भोजन को पौष्टिक ही बढ़ाता है बल्कि अनेक रोगों पर नियंत्रण रखने में भी सहायता करता है.
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार दुनिया भर में मशरूम की लगभग 14,000 प्रजातियां पाई जाती हैं. इनमें से 3,000 खाने योग्य तथा 300 के करीब औषधीय गुणों से भरपूर हैं. साधारण तौर पर श्वेत बटन मशरूम को ही मशरूम के रूप में जाना जाता है. इसके फल में डंठल व टोपी के अलावा गलफड़ों में सूक्ष्म बीजाणु पाए जाते हैं, जो कवक को एक से दूसरी जगह फैलने में सहायता करते हैं. विश्व का सबसे बड़ा मशरूम उत्पादन चीन है. इसमें इसकी भागीदारी करीब 80 फीसदी है. भारत में भी अब इसका उत्पादन और उपयोग तेजी से बढ़ रहा है.
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