Budget 2023: कीटनाशकों पर कम क‍िया जाए आयात शुल्क और जीएसटी, क‍िसानों को होगा लाभ

Budget 2023: कीटनाशकों पर कम क‍िया जाए आयात शुल्क और जीएसटी, क‍िसानों को होगा लाभ

एग्रो केम फेडरेशन ऑफ इंडिया ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से एग्रो केम‍िकल्स पर जीएसटी 5 फीसदी करने की मांग की. साथ ही इंपोर्ट ड्यूटी घटाने की वकालत भी की है. ताक‍ि क‍िसानों राहत म‍िले और खेतों तक असली कीटनाशकों की पहुंच बढ़े. र‍िसर्च के ल‍िए न‍िजी क्षेत्र को मदद देने की भी मांग. 

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Budget 2023: कीटनाशकों पर कम क‍िया जाए आयात शुल्क और जीएसटी, क‍िसानों को होगा लाभइस समय एग्रो केम‍िकल पर 18 फीसदी है जीएसटी (Photo-IFFCO).

कीटनाशक निर्माताओं, आयातकों और फॉर्मूला बनाने वाली कंपनियों के संगठन एग्रो केम फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसीएफआई) ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से केंद्रीय बजट 2023-24 में क्रॉप प्रोटेक्शन केमिकल्स पर आयात शुल्क और जीएसटी कम करने का आग्रह किया है. ताक‍ि खेती की लागत कम हो, क‍िसानों को राहत म‍िले और खेतों तक असली कीटनाशक पहुंचे. संगठन ने कृषि विज्ञान केंद्रों के तत्वावधान में एग्रीकल्चर र‍िसर्च और डेवलपमेंट कार्य को प्रेरित करने के लिए निजी क्षेत्र को वित्तीय सहायता मुहैया कराने का भी आग्रह किया. वित्त मंत्री सीतारमण आगामी 1 फरवरी को लोकसभा में केंद्रीय बजट लोकसभा में पेश करेंगी.
 
भारत ने पिछले कुछ समय में किसी भी नए क्रॉप प्रोटेक्शन केमिकल मोलेक्युल्स का आविष्कार नहीं किया है, क्योंकि इनके खोज से लेकर व्यवसायीकरण तक में 10 वर्षों में लगभग 280 मिलियन अमेरिकी डालर का खर्चा आता है. इस कारण एसीएफआई के अध्यक्ष परीक्षित मूंदड़ा ने कहा कि आज घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना आवश्यक है. उन्होंने कहा, "भारत के पास वर्तमान समय में आयात करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. इसलिए आयात शुल्क कम करना जरूरी है ताकि भारतीय किसान नए टेक्नोलॉजिकल क्रॉप प्रोटेक्शन सोल्यूशन्स से वंचित न रह जाएं."

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पीएलआई योजना में शाम‍िल हों ज्यादा केम‍िकल 

मूंदड़ा ने केंद्रीय वित्त मंत्री से अपने आगामी बजट में भारत में पंजीकृत नए मोलेक्युल्स से संबंधित डेटा को सुरक्षित रखने का आग्रह किया ताकि किसानों को कम कीमत पर नवीनतम तकनीक उपलब्ध हो सके. एसीएफआई ने कहा क‍ि रसायन विभाग ने आज तक पीएलआई योजना के तहत 40 मोलेक्युल्स को शॉर्टलिस्ट किया है, जिसमें 7 क्रॉप प्रोटेक्शन केमिकल शामिल हैं. मूंदड़ा ने कहा, "यह निश्चित रूप से मेक इन इंडिया के पहल को बढ़ावा देगा, इसलिए पीएलआई योजना में और अधिक क्रॉप प्रोटेक्शन केमिकल को शामिल करने की भी आवश्यकता है.

एग्रीकल्चर र‍िसर्च के ल‍िए म‍िले मदद 

मूंदड़ा ने कहा, उम्मीद है कि पीएलआई योजना को बढ़ावा देने के लिए कुछ क्रॉप प्रोटेक्शन केमिकल को आगामी बजट में पीएलआई के तहत शामिल किया जाएगा. फेडरेशन को यह भी उम्मीद है कि वित्त मंत्री कृषि विज्ञान केंद्र के साथ मिलकर कृषि क्षेत्र में अनुसंधान और विकास करने के लिए प्रतिबद्ध प्राइवेट सेक्टर को वित्तीय सहायता प्रदान करेंगी. कृषि विज्ञान केंद्र की योजना को भारत सरकार द्वारा 100 फीसदी वित्तीय सहायता दी जाती है, जो उसके विकास, प्रौद्योगिकी क्षमता बढ़ाने, प्रदर्शन और मूल्यांकन के लिए जरूरी है.

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एग्रो केम‍िकल पर ज्यादा जीएसटी क्यों? 

एसीएफआई ने मांग की है कि फर्टिलाइजर्स की तरह क्रॉप प्रोटेक्शन केमिकल पर भी जीएसटी घटाकर 5 फीसदी कर दिया जाए. फेडरेशन ने कहा कि केमिकल पर मौजूदा 18 फीसदी जीएसटी किसानों के हित में नहीं है, क्योंकि उन्हें क्रॉप प्रोटेक्शन केमिकल को खरीदने के लिए अधिक खर्च करना पड़ता है. दूसरी तरफ फर्टिलाइजर्स और क्रॉप प्रोटेक्शन केमिकल एक ही श्रेणी में है लेकिन इन पर जीएसटी दर अलग-अलग हैं, जिसका कोई मतलब नहीं है.  

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