वेनिला आइसक्रीम का नाम सुनते ही किसके मुंह में पानी नहीं आता होगा. छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को वेनिला आइसक्रीम पसंद होती है. आजकल पारंपरिक खेती के मुकाबले कुछ किसान वेनिला की खेती को तरजीह देने लगे हैं और यकीन मानिए इसकी खेती काफी फायदेमंद भी साबित हो रही है. अगर आप भी अपनी कमाई को दोगुना करना चाहते हैं तो वेनिला की खेती अच्छा विकल्प हो सकती है. इसका बाजार दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. इसके अलावा इसके ऊंचे दाम और औषधीय गुणों के कारण इसकी मांग भी तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में इसकी खेती किसानों के लिए एक फायदेमंद सौदा साबित हो सकती है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वेनिला की मांग लगातार बढ़ रही है. साथ ही इसके फलों और बीजों की कीमत भी बहुत ज्यादा है. वेनिला का प्रयोग खाद्य पदार्थों, ब्यूटी कॉस्मेटिक्स और दवाओं में बड़े पैमाने पर किया जाता है. यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है और इस वजह से भी इसकी मांग बढ़ रही है. वेनिला की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु सबसे सही मानी जाती है. इसे ढीली मिट्टी में उगाना सबसे अच्छा है जिसका पीएच स्तर 5 से 7.5 के बीच होना चाहिए. इसकी बेलें जल्दी बढ़ती हैं.
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वेनिला के पौधे पकने में 9 से 10 महीने का समय लेते हैं. ध्यान रहे कि वेनिला के पौधों को तेज धूप न लगे और ऐसे में इसे उगाने के लिए छायादार जगह को तरजीह दें. साथ ही नियमित सिंचाई और उर्वरक का सही प्रयोग भी बहुत जरूरी है. वेनिला के फूलों का परागण प्राकृतिक तौर पर मधुमक्खियों और पक्षियों के द्वारा किया जाता है. लेकिन भारत में आर्टिफिशियल परागण की तकनीक भी अपनाई जाती है जिससे उत्पादन ज्यादा और बेहतर गुणवत्ता वाला होता है.
बाजार में वेनिला के बीज की कीमत 40,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक है. प्रति एकड़ करीब 200-300 किलोग्राम वेनिला का उत्पादन संभव है. इस हिसाब से अगर कोई किसान 2-3 एकड़ में वेनिला की खेती करता है तो वह सालाना करोड़ों रुपये कमा सकता है.
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भारत में वेनिला की खेती मुख्य तौर पर केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर राज्यों में की जाती है. लेकिन अब कई और राज्यों के किसान भी इसकी खेती करने लगे हैं जिनमें गुजरात के कुछ किसान भी शामिल हैं. इसकी खेती करने से पहले बेहतर होगा कि सरकारी योजनाओं और सब्सिडी के बारे में अच्छी जानकारी हासिल कर लें. साथ ही कृषि अनुसंधान संस्थानों से ट्रेनिंग लें.
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