महाराष्‍ट्र में हापुस आम की कीमतों में गिरावट, 3500 रुपये में बिक रही एक पेटी, ग्राहक खुश तो किसान मायूस 

महाराष्‍ट्र में हापुस आम की कीमतों में गिरावट, 3500 रुपये में बिक रही एक पेटी, ग्राहक खुश तो किसान मायूस 

रत्‍नागिरी और सिंधुदुर्ग से हापुस की सबसे ज्‍यादा खेप पहुंची. कुछ समय पहले तक हापुस की पेटी 4 हजार रुपये में बिक रही थी लेकिन खेप बढ़ने से कीमतें 3500 पर आ गई. इस कीमत पर यहां का आम आदमी भी इस आम को खरीद पा रहा है. वहीं हापुस आम को उगाने वाले किसान यह कीमत देखकर दुखी हैं.

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महाराष्‍ट्र में हापुस आम की कीमतों में गिरावट, 3500 रुपये में बिक रही एक पेटी, ग्राहक खुश तो किसान मायूस हापुस आम की कीमतों में गिरावट से दुखी किसान

महाराष्‍ट्र की मंडियों में हापुस आम की भरपूर आवक हो रही है. अल्‍फॉन्‍सो यानी हापुस आम की इतनी आवक के बाद भी यह खास बना हुआ है. महाराष्‍ट्र के कई जिलों में इसकी कीमतें कुछ दिनों पहले ऐसी थीं कि हर कोई इसे नहीं खरीद पा रहा था. लेकिन आवक बढ़ने के साथ कुछ जिलों में इसकी कीमतों में दो हजार रुपये तक की गिरावट आई है. सिंधुदुर्ग और रत्‍नागिरी जिलों से आने वाली आवक की वजह से इसकी कीमतें स्थिर हो गई हैं. आपको बता दें कि अल्‍फॉन्सो आम का सीजन मार्च के मध्‍य से शुरू होता है और जून के मध्‍य तक चलता है. जबकि कभी-कभी फरवरी के अंत में भी इसकी खेप बाजार में पहुंच जाती है. 

कीमतों में 4 हजार रुपये की गिरावट 

रत्‍नागिरी और सिंधुदुर्ग से हापुस की सबसे ज्‍यादा खेप पहुंची. कुछ समय पहले तक हापुस की पेटी 4 हजार रुपये में बिक रही थी लेकिन खेप बढ़ने से कीमतें 3500 पर आ गई. इस कीमत पर यहां का आम आदमी भी इस आम को खरीद पा रहा है. वहीं हापुस आम को उगाने वाले किसान यह कीमत देखकर दुखी हैं. सीजन की शुरुआत में हापुस आम की उपज नहीं आई थी. जबकि खेप चरणबद्ध तरीके से बाजार में पहुंचनी शुरू हुई. फरवरी और मार्च के महीने में उत्‍पादन कम रहने की वजह से कीमतें ज्‍यादा थीं. उस समय पांच दर्ज आमों वाली एक पेटी छह से आठ हजार रुपये में बिक रही थी. गुड़ी पड़वा पर भी बाजार में आवक कम थी और उस समय भी कीमतों ने लोगों को काफी रूलाया. 

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अप्रैल में बढ़ता है इन आमों का स्‍वाद 

कीमतें ज्‍यादा होने की वजह से आम आदमी हापुस आम का स्‍वाद नहीं चख पा रहा था. लेकिन कुछ दिनों पहले हुई बेमौसमी बारिश और ज्‍यादा गर्मी से आम जल्‍दी पकने शुरू हो गए. नतीजा हुआ कि बाजार में आवक बढ़ गई और दाम गिर गए. दो महीनों में पहली बार है जब कोंकण से हापुस आम की 80 हजार पेटियां बाजार में पहुंची हैं. जहां रायगढ़ से बहुत कम आ रहे हैं तो रत्‍नागिरी और सिंधुदुर्ग से भर-भर कर आम आ रहे हैं. अच्‍छे आमों की एक पेटी के लिए लोग  4000 रुपये दे रहे हैं. जबकि दागी आम की एक पेटी की कीमत 1000 रुपये है. अप्रैल के महीने में अल्‍फॉन्‍सो आम बहुत ही स्‍वादिष्‍ट हो जाता है और मिठास बढ़ जाती है. यही वह समय होता है जब इसके ग्राहक इसकी मांग सबसे ज्‍यादा करते हैं. 

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बेमौसमी बारिश से डरे किसान

रत्‍नागिरी जिले में आम के किसान इस साल मौसम में अचानक होने वाले बदलाव से काफी परेशान हैं. मौसम में हो रहे बदलावों ने आम के उत्‍पादन को प्रभावित किया है. इस बार बाजार में सबसे ज्‍यादा हापुस आम राजपुर तालुका से पहुंच रहे हैं. हापुस आमों की पेटी को बैंगलोर, गोवा, हैदराबार और नागपुर तक भेजा जा रहा है. हालांकि गमी की वजह से आम पकने लगे हैं लेकिन किसानों को बारिश की चिंता सताने लगी है. इस वजह से आमों को तेजी से तोड़ा जा रहा है.यही कारण है बाजार में हापुस आम की खेप जल्‍दी-जल्‍दी पहुंच रही है. वहीं निर्यातकों ने इस बार भी भारी तादाद में खाड़ी देशों, यूरोप और अमेरिका को हापुस आम निर्यात करना शुरू कर दिया है. 12 हजार पेटियां रोजाना ही निर्यात की जा रही हैं. 

 

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