मुजफ्फरपुर जिले में गुरुवार को लगभग 8 मिमी बारिश हुई, जिससे मूंग और गेहूं की फसलों को नुकसान पहुंचा है. जिले के पूर्वोत्तर हिस्से में सबसे अधिक नुकसान हुआ है. खासकर औराई प्रखंड के कल्याणपुर में ज्यादा नुकसान की बात कही जा रही है. किसानों का कहना है कि उन लोगों ने गेहूं की फसल कटने के बाद खेतों में ही छोड़ दी थी, जो बारिश के कारण बर्बाद हो गई. इससे किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है. आंधी-तूफान के कारण जहां मूंग की खड़ी फसल को नुकसान होने की सूचना है. वहीं, कटाई के बाद खेतों में पड़ी या खलिहानों तक पहुंच चुकी गेहूं की फसल को भी नुकसान हुआ है.
औराई प्रखंड के कल्याणपुर के किसानों का कहना है कि बारिश के कारण गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है. कटनी के बाद खेत में ही गेहूं को छोड़े हुए थे, जो सब बर्बाद हो गया. किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है, ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति को संभाल सकें और आगामी खेती के लिए तैयारी कर सकें. गायघाट और बेनीबाद क्षेत्र में भी किसानों को फसल को नुकसान पहुंचा है. आम की फसल को भी नुकसान पहुंचा है, जिससे किसानों को आर्थिक क्षति हुई है.
मामले को लेकर जिला सूचना और जनसंपर्क अधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि डीएम सुब्रत कुमार सेन ने बारिश के कारण रबी फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने और उसकी रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है. कृषि विभाग के अधिकारियों से डीएम ने एक सप्ताह में रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है. उन्होंने बताया कि यह निर्देश उन्होंने समाहरणालय सभागार में आयोजित जिला कृषि पदाधिकारी सहित कृषि विभाग के अन्य अधिकारियों साथ हुई समीक्षा बैठक में दिया है.
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने सभी जिला कृषि पदाधिकारियों से कहा है कि वे प्रभावित क्षेत्रों में दौरा करे और फसल के नुकसान का आकलन करें. कृषि मंत्री ने बताया कि बाजार समिति प्रांगणों में अनाज, फल-सब्जी और मछली के लिए अलग-अलग बाजार की व्यवस्था की जा रही है.
साथ ही, भंडारण सुविधाएं, चारदीवारी, सड़क, नाला, सफाई, सुरक्षा, बिजली, पानी, महिलाओं और पुरुषों के लिए पृथक शौचालय, गोदाम और कोल्ड स्टोरेज जैसी आधुनिक सुविधाओं की भी व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन के माध्यम से निधि की व्यवस्था की गई है.
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