अगर हम कहें कि हमारी रसोई में मौजूद आधे से ज्यादा चीजों में हर बीमारी का इलाज है तो यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा. अधिकांश भारतीय मसाले आयुर्वेद से संबंधित हैं. ये रिश्ता कोई नया नहीं बल्कि बहुत पुराना है. इनमें से कुछ मसाले ऐसे हैं, जिनका हर रोज सेवन किसी वरदान से कम नहीं है. ऐसे में त्वचा की समस्या हो या पेट से जुड़ी कोई समस्या है. भारतीय मसालों में है हर मर्ज की दवा. हालांकि कई बार पेट से जुड़ी समस्या होने पर किचन में रखी कुछ चीजें हमारे लिए बहुत काम आती हैं. फिर चाहे वह त्रिफला हो या हींग या और भी अलग-अलग मसाले. ऐसे में आइये जानते हैं पेट से जुड़ी समस्याओं में किन चीजों का सेवन करना चाहिए.
विशेषज्ञों के अनुसार, आप अपनी जीवन में कुछ जरूरी बदलाव करने के साथ-साथ कुछ आयुर्वेदिक और घरेलू उपायों की मदद से आप अपने पेट को स्वस्थ रख सकते हैं. ऐसे में जरूरी नहीं कि हर बार दवाइयों कि मदद ली जाए.
त्रिफला में मुख्य रूप से तीन फलों यानी आंवला, हरीतकी और बिभीतकी के गुण मौजूद होते हैं. यह पाचन स्वास्थ्य के लिए सबसे लोकप्रिय आयुर्वेदिक उपचारों में से एक है. त्रिफला पेट संबंधी समस्याओं में सुधार और कब्ज से राहत दिलाने के लिए जाना जाता है. यह शरीर को डिटॉक्सीफाई करने और पाचन स्वास्थ्य में सुधार करने में भी मदद करता है.
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इसबगोल की भूसी एक प्राकृतिक फाइबर है, जिसका उपयोग आमतौर पर रेचक के रूप में किया जाता है. इससे पेट से जुड़ी हर समस्या से छुटकारा मिल जाता है. इसके अलावा इसकी भूसी पाचन में सूजन को कम करने के साथ-साथ आंतों के स्वास्थ्य में भी सुधार करती है.
हींग और अजवाइन जैसे मसालों के इस्तेमाल से सूजन को रोकने में मदद मिल सकती है. इसके अलावा हींग में पाचन से जुड़ी हर समस्या का भी इलाज है. इससे पाचन क्रिया तेज होती है. हींग भूख की प्रविरती को भी बढ़ाता है जिससे कमजोरी जैसी समस्या भी नहीं होती है.
सौंफ एक प्राकृतिक कार्मिनेटिव है. जो पाचन तंत्र में एसिडिटी और सूजन को कम करने में मदद करता है. यह पाचन में सुधार और कब्ज से राहत दिलाने में भी मदद करता है.
अदरक प्राकृतिक सूजन रोधी है यानी सूजन को कम करता है और पाचन में सहायता करता है. इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है और कब्ज की समस्या भी दूर हो जाती है. अदरक पाचन तंत्र में एसिडिटी को कम करने में भी मदद करता है.
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