गेहूं में पीलापन आने के ये हैं 3 कारण, तुरंत करें उपाय तो फिर से हरी हो जाएगी फसल

गेहूं में पीलापन आने के ये हैं 3 कारण, तुरंत करें उपाय तो फिर से हरी हो जाएगी फसल

गेहूं की फसल में पीलापन आना एक आम समस्या है. लेकिन कई बार पीलापन आने की वजह से पौधों की ग्रोथ रुक जाती है, पत्तियां सूखने लगती हैं. ऐसे में किसानों के लिए ये जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि आखिर इसका क्या कारण है और कैसे फसलों का बचाव किया जा सकता है.

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गेहूं में पीलापन आने के ये हैं 3 कारण, तुरंत करें उपाय तो फिर से हरी हो जाएगी फसलगेहूं में पीलापन

मार्च का महीना आते ही कई राज्यों में गेहूं में अब बालियां आने लगी हैं. लेकिन मौसम में अचानक हुए बदलाव और फरवरी और मार्च के शुरुआत में ही तापमान में बढ़ोतरी के बाद गेहूं की फसल में पीलापन देखने को मिल रहा है. वैसे तो गेहूं की फसल में पीलापन आना एक आम समस्या है. लेकिन कई बार पीलापन आने की वजह से पौधों की ग्रोथ रुक जाती है, पत्तियां सूखने लगती हैं, जिससे गेहूं की फसल के उत्पादन में गिरावट आती है और किसानों को भारी नुकसान हो सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं गेहूं में पीलापन होने के क्या हैं कारण और कैसे करें इससे बचाव.

पीलापन आने के ये हैं 3 कारण

नाइट्रोजन की कमी: बता दें कि गेहूं में पीलापन आने का पहला सबसे कारण नाइट्रोजन की कमी है. शुरुआती मौसम में नाइट्रोजन की कमी  होने से  मिट्टी का तापमान कम हो जाता है, जो मिट्टी के कार्बनिक पदार्थों से खनिज होने वाली नाइट्रोजन की मात्रा को कम करती है.

सल्फर की कमी: पीले गेहूं का दूसरा सबसे कारण सल्फर की कमी है. पहले तो नाइट्रोजन और सल्फर की कमी के बीच अंतर करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन सल्फर की कमी के साथ पौधे के बढ़ने के साथ पत्तियों में पीलापन आ जाता है. चूंकि सल्फर पौधे के भीतर आसानी से नहीं पहुंच पाता है, इसलिए गेहूं के विकास में कमी के लक्षण दिखाई देते हैं.

मौसम और सिंचाई: पीले गेहूं का तीसरा मुख्य कारण मौसम है. मौसम में बदलाव से गेहूं की वृद्धि पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है. कई बार मौसम में बदलाव होने से सूखी मिट्टी, जलभराव और उथली रोपाई जैसी बातें जड़ के विकास को प्रभावित कर सकती हैं और पीलेपन का कारण बन सकती हैं. इसके अलावा गेहूं की फसल में पीलापन ज्यादा सिंचाई हो जाने से आता है.

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फसल बचाव के लिए ये करें उपाय

गेहूं की फसल को हरा भरा रखने के लिए किसानों को सिंचाई करते समय जरूरी एहतियात बरतनी चाहिए. गेहूं में हल्की सिंचाई करें. इसके अलावा ध्यान दें कि ये सिंचाई शाम के वक्त हो. इसके अलावा कोशिश करें कि गेहूं की फसल में सिंचाई अधिक मात्रा में ना करें.

अगर किसी स्थिति में गेहूं के पौधों में पीलापन आ रहा है तो किसान सल्फर का इस्तेमाल कर सकते हैं. किसान अपने खेतों में 3 किलो सल्फर को 20 से 25 किलो नाइट्रोजन में मिलाकर फसल में छिड़काव कर दें. ऐसा करने से गेहूं की फसल से पीलापन गायब हो जाएगा और फसल हरी भरी हो जाएगी.

गेहूं की फसल का पीलापन दूर करने और ग्रोथ को तेज करने के लिए किसान 500ml सागरिका और 1 किलो एनपीके को 120 लीटर पानी में घोल बनाकर एक एकड़ फसल में छिड़काव कर दें. ऐसा करने से गेहूं के पौधों की ग्रोथ तेजी के साथ होगी और पीलापन भी गायब हो जाएगा.

 
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