महाराष्ट्र में पुणे जिले के तहत आने वाले दौंड तालुका के किसान गर्मी से परेशान हैं. यहां पर तापमान 40 डिग्री तक पहुंच गया है. ऐसे में किसानों को गर्मी में सब्जियों की फसल बचाने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. दौंड तालुका के राजेगांव में किसान बड़े पैमाने पर सब्जियां उगाते हैं. किसानों का मानना है कि गर्मी की वजह से उत्पादन कम होगा और इसी बात को लेकर चिंतित हैं. उन्हें आशंका है कि इस बार उनकी आजीविका में कमी आ सकती है.
मराठी वेबसाइट अग्रोवन की रिपोर्ट के अनुसार गर्मियों के मौसम में बाजार में आने वाली सब्जियों की किसानों को अच्छी कीमत मिलती है और उनकी आय भी बढ़ती है. इसलिए कुछ गांवों के किसान कभी कम तो कभी ज्यादा मात्रा में सब्जियां उगाते हैं जो कि पानी की उपलब्धता पर निर्भर करता है. पानी के संकट की वजह से उत्पादन भले ही कम है लेकिन बाजार में कीमतें अच्छी मिलती हैं. इस वजह से बोरीबेल, गाडेवाडी, लोनारवाडी, स्वामीचिंचोली, माल्ड, देउलगांव राजे, मालथन, राजेगांव, वातलज, नाईगांव और खानवाते गांव के किसान सब्जियों की खेती में खासा रुचि दिखाने लगे हैं.
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गर्मी के मौसम जिन सब्जियों की खेती करते हैं उनमें खीरा, तरबूज, खरबूजा, करेला, तोरई, कद्दू, लाल कद्दू, स्पंज लौकी, भिंडी, ग्वार, मिर्ची और टमाटर अहम हैं. गर्मियों के मौसम सब्जियों की अच्छी क्वालिटी और ज्यादा उत्पादन हासिल करने के लिए तकनीकी पहलुओं के साथ बेहतर प्रबंधन की भी जरूरत होती है. अगर किसान ऐसा करते हैं तो उन्हें बाजार में अच्छी कीमत मिलती है.
विशेषज्ञों की मानें तो ज्यादा तापमान फसलों की वृद्धि पर बुरा असर डाल सकता है. साथ ही इस मौसम में सब्जियों में बीमारी लगने का खतरा भी ज्यादा रहता है. जो बीमारियां इस मौसम में फसल को लग सकती हैं उनमें सफेद मक्खी, एफिड्स और टिड्डी सबसे खतरनाक हैं. इन रोगों की वजह से उत्पादन घट सकता है. अगर तापमान 35 डिग्री से ज्यादा होता है तो सब्जियों के पौधों में फूल आने लगते हैं. ऐसे में सही प्रबंधन बहुत ही जरूरत है ताकि फूल आने के बाद सब्जियों की फसल सुरक्षित रहे.
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