तेलंगाना में भविष्य में एक खास विधि से कपास की खेती होगी. इस विधि का नाम है हाई डेंसिटी प्लांटिंग सिस्टम यानी कि HDPS. इस विधि को आगे बढ़ाने के लिए रासी सीड्स नाम की कंपनी आगे आई है. यह कंपनी बीज बनाने का बड़ा काम करती है. कंपनी का कहना है कि वह प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना स्टेट एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (PJTSAU) के साथ काम कर रही है. रासी सीड्स और एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के बीच रासी मैक्स प्रोजेक्ट का करार हुआ है. इस करार के तहत कपास की खेती में हाई-डेंसिटी प्लांटिंग सिस्टम को बढ़ावा दिया जाएगा.
हाई डेंसिटी प्लांटिंग सिस्टम यानी कि एचडीपी सिस्टम का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर फलों की खेती में होता है. यूरोप में इसका बहुत अधिक प्रचलन है. इस सिस्टम में किसी खास जगह पर अधिक संख्या में फसलों की बुआई की जाती है. इस विधि से हरेक पौधा पूरी तरह से विकसित होता है और मैच्योरिटी स्टेज में अधिक से अधिक पैदावार देता है. चूंकि कपास की खेती पर अधिकतम किसान निर्भर हैं, इसलिए एचडीपी सिस्टम से उनकी आय अधिक बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है.
रासी सीड्स के चेयरमैन रामासामी एम ने 'बिजनेसलाइन' से कहा, रासी मैक्स प्रोजेक्ट किसानों का मुनाफा बढ़ाने की पहल है. एचडीपी सिस्टम अपना कर देश में कपास की उत्पादकता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. तेलंगाना में इस सिस्टम की शुरुआत होने वाली है जिससे कपास उत्पादन की कई चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी. अन्य जगहों पर एचडीपी सिस्टम के बेहतर नतीजे मिल रहे हैं.
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दावा किया जा रहा है कि एचडीपी सिस्टम से कपास की खेती की जाए तो उत्पादन में 30 फीसद की वृद्धि आ सकती है. मौजूदा विधि से कपास की खेती की जाए तो प्रति हेक्टेयर 450 किलो कपास का उत्पादन होता है, जबकि एचडीपी सिस्टम से खेती करने पर 750 किलो प्रति हेक्टेयर तक पैदावार ली जा सकती है. एचडीपी सिस्टम का सीधा अर्थ है प्रति एकड़ पौधों की संख्या में बढ़ोतरी. इससे उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलती है.
एचडीपी सिस्टम में खेती के तरीके का बदलाव कर पौधों की ऊंचाई भी निर्धारित की जाती है ताकि मशीन से फसलों की कटाई और पैदावार लेने में मदद मिलती है. अगर पौधे छोटे-बड़े हों तो मशीन से कटाई में दिक्कत आती है और फसलों के साथ उपज में बड़े स्तर पर बर्बादी होती है.
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एचडीपी सिस्टम देश के उन हिस्सों में अधिक कारगर है जहां कपास या अन्य फसलों की पैदावार कम होती है. एक आंकड़े के मुताबिक, देश का 37 फीसद कपास क्षेत्र (40 लाख हेक्टेयर) केवल 22.3 परसेंट पैदावार देता है. प्रति हेक्टेयर औसतन 252 किलो कपास का उत्पादन होता है. यह तेलंगाना का हिसाब है जहां राष्ट्रीय औसत से कम कपास का उत्पादन मिलता है. इसकी वजह है यहां पारंपरिक तौर से कपास की खेती की जाती है.
तेलंगाना में प्रति एकड़ कपास के 8000 पौधे लगाए जाते हैं. अगर वही एचडीपी सिस्टम से खेती की जाए तो एक एकड़ में 2400 से 3200 पौधे लगाए जा सकेंगे. इस आधार पर अंदाजा लगाना आसान है कि किसानों की आमदनी भी उसी दर से बढ़ जाएगी. रासी सीड्स का कहना है कि रासी मैक्स प्रोजेक्ट का उद्देश्य हाई डेंसिटी प्लांटिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर किसानों की आय बढ़ाना है. 'रासी सीड्स' के इस काम में तेलंगाना सरकार भी पूरी मदद कर रही है.
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