धान का बीज असली है या नकली? घर में इस आसान विधि से कैसे करें पहचान

धान का बीज असली है या नकली? घर में इस आसान विधि से कैसे करें पहचान

भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में जहां भी धान की खेती होती है, वहां बीजों की गुणवत्ता का विशेष महत्व होता है. भारत में इसका महत्व इसलिए ज्यादा है, क्योंकि फसलों की जरूरत के हिसाब से सबसे अच्छी जलवायु होने के बावजूद भी लगभग सभी फसलों का औसत उत्पादन विकसित देशों की तुलना में बहुत कम है.

Advertisement
धान का बीज असली है या नकली? घर में इस आसान विधि से कैसे करें पहचानधान का बीज असली है या नकली

अगर किसान ज़्यादा पैदावार और आमदनी चाहते हैं तो सबसे ज़रूरी है अच्छी क्वालिटी के बीज. अच्छे बीजों से उत्पादन अच्छा होता है और आमदनी बढ़ती है. इसके साथ ही खाद भी अच्छी क्वालिटी की होनी चाहिए. अगर खाद और बीज अच्छी क्वालिटी के नहीं होंगे तो इसका सीधा असर फसल के उत्पादन पर पड़ता है. इसलिए बाजार से बीज खरीदते समय किसानों को इस बात पर ध्यान देना बहुत जरूरी हो जाता है कि जो बीज वो खरीद रहे हैं उसकी क्वालिटी कैसी है? उसकी क्वालिटी कैसी है? बीज असली है या नकली? किसानों को सबसे पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो बीज कहां से खरीद रहे हैं और बीज असली है या नकली. कई बार किसान नकली बीज खरीद लेते हैं जिस वजह से उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में आइए जानते हैं धान का बीज असली है या नकली इसको जानने का तरीका.

अच्छे बीजों का करें उपयोग

भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में जहां भी धान की खेती होती है, वहां बीजों की गुणवत्ता का विशेष महत्व होता है. भारत में इसका महत्व इसलिए ज्यादा है, क्योंकि फसलों की जरूरत के हिसाब से सबसे अच्छी जलवायु होने के बावजूद भी लगभग सभी फसलों का औसत उत्पादन विकसित देशों की तुलना में बहुत कम है. इसका मुख्य कारण देश के किसानों द्वारा लगातार खराब या नकली किस्म के बीजों का इस्तेमाल करना है. इससे फसलों में दी जाने वाली अन्य लागतों का पूरा लाभ नहीं मिल पाता. फसलों में लगने वाली हर लागत का अधिकतम लाभ अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों का इस्तेमाल करके ही लिया जा सकता है. उच्च गुणवत्ता वाले प्रमाणित बीजों का इस्तेमाल करके उत्पादकता/उत्पादन में करीब 20 फीसदी की बढ़ोतरी की जा सकती है.

ये भी पढ़ें: गजब! धान की खेती में किसानों को मिल रहा हीरा, कई लोगों की रातों रात खुली किस्मत

बीज की गुणवत्ता की जांच करें

सवाल यह है कि ऐसी स्थिति में किसान को क्या करना चाहिए? इसका जवाब है- किसानों को बीज और खाद खरीदते समय अधिकतम सावधानी बरतनी चाहिए. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किसान किस तरह से बीज और खाद की गुणवत्ता सुनिश्चित कर सकते हैं, कैसे जांच सकते हैं कि उन्होंने जो बीज और खाद खरीदा है, वह अच्छी गुणवत्ता का है या नहीं.

असली-नकली बीज की पहचान

पूरे देश के बाजारों में नकली बीज धड़ल्ले से बिक रहे हैं. ऐसे में असली बीज की पहचान के लिए किसान को अंकुरण जांच जरूर करानी चाहिए. विशेषज्ञों का कहना है कि अच्छे उत्पादन के लिए किसान को बुवाई से पहले बीज अंकुरण जांच जरूर करानी चाहिए. जांच में अगर 80 से 90 फीसदी बीज अंकुरित होते हैं तो बीज को बेहतर माना जाता है. 60-70 फीसदी अंकुरण होने पर बीज दर बढ़ाई जा सकती है. 60 फीसदी से कम बीज अंकुरित होने पर बीज बदल देना चाहिए. किसान चाहे तो बीज प्रमाणीकरण प्रयोगशाला में बीज की अंकुरण क्षमता की जांच निशुल्क करा सकता है. प्रयोगशाला में नमूना जमा कराने के एक सप्ताह बाद किसान को रिपोर्ट सौंप दी जाती है, जिसमें किसानों को उपज की अंकुरण क्षमता और गुणवत्ता की अधिकृत रिपोर्ट दी जाती है. साथ ही किसान द्वारा उपज की बुवाई की मात्रा की भी सिफारिश की जाती है.

POST A COMMENT