आम के सीजन का इंतजार अब कुछ ही महीनों में खत्म होने वाला है. कई जगहों पर जनवरी के आखिरी और फरवरी के शुरुआत में आम के पेड़ में मंजर आने शुरू हो गए हैं. दरअसल, गर्मियों में लोग खूब चाव से आम खाते हैं और इसकी पैदावार का इंतजार हर कोई करता है. लेकिन इस स्वादिष्ट फल को लोगों तक पहुंचाने में किसानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, खासकर जब इस महीने हल्की बारिश हो तब आम के पेड़ों में कई बीमारियां लगने लगती हैं. इन बीमारियों से बचाव के लिए किसान लगातार दवाइयों और देखभाल की मदद से काम करते हैं, लेकिन फिर भी कई बार आम के पेड़ों में बीमारियां आने लगती हैं. आम पेड़ों के मंजर में प्रमुख तौर पर मधुआ कीट (मैंगो हॉपर), दहिया कीट (मिलीबग) और एंथ्रेक्नोज जैसी बीमारियों का प्रकोप होता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आम के मंजर को इन रोगों से कैसे बचाएं.
आम का सीजन आ रहा है. इस बीच अधिकतम और न्यूनतम तापमान में अधिक का अंतर देखा जा रहा है. साथ ही मौसम में नमी भी देखी जा रही है. ऐसे में आम से पेड़ों प्रमुख तौर पर मधुआ कीट (मैंगो हॉपर), दहिया कीट (मिलीबग) और एंथ्रेक्नोज जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है. इन कीटों और रोग से बचाने के लिए किसानों को बिहार कृषि विभाग ने आम के मंजर में तीन छिड़काव करने की सलाह दी है. किसानों को सलाह दी गई है कि तीनों छिड़काव सही समय पर होने चाहिए. इससे मंजर को नुकसान नहीं होगा और अच्छी पैदावार होगी.
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आम के पेड़ पर पहला छिड़काव मंजर निकलने के पहले कीटनाशक छिड़काव किया जाता है. इस छिड़काव ऐसे किया जाता है कि पेड़ की छाल के दरारों में छुपे मथुआ कीट तक पहुंच सके. क्योंकि यह कीट वायुमंडल का तापमान बढ़ने के साथ ही अपनी संख्या में वृद्धि करने लगते हैं.
आम के मंजरों में मटर के जितना दाना लग जाने पर कीटनाशक के साथ किसी एक फफूंदनाशी को मिलाकर छिड़काव करने से मंजर को पाउडरी मिल्ड्यू और एन्थ्रेकनोज जैसे रोगों से बचाया जा सकता है. साथ ही इसके घोल में अल्फा नेपथाईल एसेटीक एसीड (पीजीआर) मिलाया जाता है. जो मंजर में लगे फलों को गिरने से रोकता है.
आम के मंजर में जब टिकोला लग जाए तब उस पर तीसरा छिड़काव किया जाता है. तीसरे छिड़का में कीटनाशक के साथ अल्फा नेपथाईल एसेटीक एसीड के अलावा आवश्यकतानुसार फफूंद नाशी को मिलाकर छिड़काव किया जाता है. जो दहिया कीट लगने से बचाता है.
मंजर के समय बूंदा-बांदी हो जाने पर घुलनशील सल्फर या कार्बेन्डाजिम का हेक्साकोनाजोल का छिड़काव जरूर करना चाहिए. दहिया कीट के नियंत्रण के लिए तैयार किए गए घोल में कोई स्टिकर जरूर मिला दें. फल और मंजर को गिरने से बचाने के लिए दूसरे और तीसरे छिड़काव में कीटनाशक के तैयार घोल के साथ अल्फा नेप्थॉल एसिटिक एसिड 4.5 एसएल का चार मिली प्रति 10 लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. इसके अलावा अधिक जानकारी के लिए किसान कॉल सेंटर के टोल फ्री नंबर 18001801551 पर या अपने जिला के सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण से संपर्क कर सकते हैं.
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