ग्रीस या डीजल से करें मिलीबग कीट का सफाया, पेड़ों पर भर-भर के आएंगे आम

ग्रीस या डीजल से करें मिलीबग कीट का सफाया, पेड़ों पर भर-भर के आएंगे आम

आम की बागवानी कर किसान अच्छा और एकमुश्त मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन आम के पेड़ों में फसल आने से पहले किसानों को कुछ जरूरी बातों का ध्यान भी रखना चाहिए. आम के पेड़ों में मिलीबग नाम के कीट हमला कर देते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं किन देसी उपाय से इस कीट से मिलेगा छुटकारा.

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ग्रीस या डीजल से करें मिलीबग कीट का सफाया, पेड़ों पर भर-भर के आएंगे आममिलीबग कीट का सफाया

गर्मियों का मौसम आते ही बाजारों में मीठे और रसीले आम मिलने लगते हैं. उससे पहले आम के पेड़ों में बौर आने शुरू हो गए हैं. लेकिन इन दिनों कई तरह के कीट आम के पेड़ों पर हमला करते हैं. जिसकी वजह से आम की पैदावार में गिरावट होती है. इसी में एक है मिलीबग नाम का कीट जो आम के पेड़ों को नुकसान पहुंचाता है. इसका समय पर उपचार करना बेहद जरूरी है. ऐसे में यदि आप आम के मंजर में कीड़े के प्रकोप से परेशान हैं तो यह खबर आपके लिए है. दरअसल, आम को कीट से बचाने के लिए देसी उपाय काफी कारगर साबित होते हैं.

मिलीबग कीट के क्या हैं लक्षण

आम की बागवानी कर किसान अच्छा और एकमुश्त मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन आम के पेड़ों में फसल आने से पहले किसानों को कुछ जरूरी बातों का ध्यान भी रखना चाहिए. आम के पेड़ों में मिलीबग नाम के कीट हमला कर देते हैं, जिसकी वजह से आम का बौर और फल गिरने की समस्या रहती है. इससे उपज और क्वालिटी पर भी असर पड़ता है.

वहीं, बात करें मिलीबग कीट के लक्षण की तो मिलीबग कीट जमीन से निकलकर पेड़ की शाखाओं पर पहुंचकर भारी संख्या में एकत्रित हो जाते हैं और फिर फलों और पौधों का रस चूसने लगते हैं. मिलीबग के संक्रमण से आम के मंजर सूख जाते हैं जिसके कारण फल नीचे गिर जाते हैं. यह कीट संक्रमण के दौरान एक प्रकार का मीठा रस भी छोड़ता है जिसके माध्यम से किसान मिलीबग कीट के संक्रमण को पहचान सकते हैं.

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कब लगते हैं मिलीबग कीट

आम में मंजर आने के शुरुआती दिनों में जब तापमान में अचानक बढ़ोतरी होती है तो मिली बग कीट का प्रकोप तेजी के साथ बढ़ता है. मिलीबग कीट मिट्टी की दरारों और आम के पेड़ों की छाल में अंडे देता है. इस कीट के अंडे बढ़ते तापमान से लार्वा में तब्दील हो जाते हैं. उसके बाद यह कीट तेजी के साथ पेड़ों पर हमला कर देता है जिसकी समय पर रोकथाम ना की जाए तो आम की फसल बर्बाद हो सकती है.

मिलीबग से बचाव के देसी उपाय

किसान आम के मंजर की देखभाल के लिए महंगे कीटनाशक और दवाओं की जगह कुछ देसी उपाय और घरेलू नुस्खे भी आजमा सकते हैं. दरअसल मिलीबग कीट से बचाव के लिए नीम का अर्क (दवा) आम के पेड़ के लिए काफी कारगर होता है. इससे मंजर में कीड़े-मकोड़े नहीं लगते हैं. ऐसे में किसान मिली बग कीट लगने पर नीम का अर्क का छिड़काव कर सकते हैं.

इसके अलावा एक और देसी नुस्खे को अपनाकर आम के मंजर को बचाया जा सकता है. इसके लिए किसानों को पेड़ के तनों के चारों तरफ पॉलिथीन के ऊपर गोंद को लगाना चाहिए. इससे जैसे ही मिलीबग जमीन से निकलकर पेड़ के तने पर चढ़ना शुरू होता है. इस पॉलिथीन के चलते वह चढ़ नहीं पाता है और जो ऊपर चढ़ जाता है वह गोंद में चिपक कर मर जाता है. यह पूर्ण तरीके से जैविक उपाय है और किसानों के लिए काफी सस्ता भी है.

साथ ही पेड़ पर चढ़ने वाले कीट को रोकने के लिए जले हुए ग्रीस या डीजल में इनसेक्टीसाइड का भुरकाव कर ऐसी चिपचिपी पेस्ट की एक लेयर तने के चारों ओर लेप कर दें. इस तरह की कई विधियों को ज़रूरत के मुताबिक अपनाकर आप अपने आम के बगीचे को कीट मुक्त कर सकते हैं, वहीं, आम के पेड़ की जड़ से लगभग 10 से 15 सेंटीमीटर तक चूना लगाकर भी मिली बग कीट से छुटकारा पाया जा सकता है.  

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