scorecardresearch
अप्रैल महीने में भिंडी को इन 4 कीट-रोगों से बचाना जरूरी, इन दवाओं का करें इस्तेमाल

अप्रैल महीने में भिंडी को इन 4 कीट-रोगों से बचाना जरूरी, इन दवाओं का करें इस्तेमाल

अपने उच्च पोषण वैल्यू के कारण भिंडी का सेवन सभी आयुवर्ग के लोगों के लिए लाभदायक है. इसमें मैग्निशियम, पोटेशियम, विटामिन ए, बी, तथा कार्बोहाइड्रेट की प्रचुर मात्रा पाई जाती है. चूंकि यह उपभोक्ताओं में अत्यंत लोकप्रिय है इसलिए इसका बाजार मूल्य अच्छा मिलता है. 

advertisement
भिंडी की खेती भिंडी की खेती

भिंडी भारत की प्रमुख फसल है, जिसकी खेती विभिन्न क्षेत्रों में सफलतापूर्वक की जाती है. अपने उच्च पोषण वैल्यू के कारण भिंडी का सेवन सभी आयुवर्ग के लोगों के लिए लाभदायक है. इसमें मैग्निशियम, पोटेशियम, विटामिन ए, बी, तथा कार्बोहाइड्रेट की प्रचुर मात्रा पाई जाती है. चूंकि यह उपभोक्ताओं में अत्यंत लोकप्रिय है इसलिए इसका बाजार मूल्य अच्छा मिलता है. इसकी खेती अप्रैल महीने में की जाती है, इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है. बाजार में इसकी डिमांड हमेशा बनी रहती है. इससे किसानों को फायदा होता है तथा उनको इसकी खेती के लिए प्रोत्साहन भी मिलता है. लेकिन भिंडी की फसल में अनेक प्रकार के कीटों का प्रकोप होता है जो उपज का एक बड़ा हिस्सा नष्ट कर देते हैं. 

भिंडी की फसल में ऐसे कई कीटों का प्रकोप होता है लेकिन सबसे ज्यादा लाल कीड़ा,फल मक्खी,म्रदु रोमिल आसिता, मोजैक विषाणु रोग लगते हैं. इसके चलते पूरी फसल खराब हो जाती है. ऐसे में किसान दवाओं का छिड़काव कर अच्छा उत्पादन पा सकते हैं. जानिए इन दवाओं और इसके रोकथाम के बारे में. 

ये भी पढ़ें: नास‍िक की क‍िसान ललिता अपने बच्चों को इस वजह से खेती-क‍िसानी से रखना चाहती हैं दूर

फल भेदक कीट 

इसके रासायनिक नियंत्रण के लिये एगाओ (इममेक्टिन बेंजोएट 5%SG )@88 g/ एकड़ को 200-240 लीटर पानी मे मिलाकर स्प्रे करें

फुदका (जैसिड)

इस कीट नियंत्रण के लिए इसोगाशी (इमिडक्लोप्रिड 17.8 SL) की 40-50 ml/ एकड़ को 200- 250 लीटर पानी मे मिलाकर स्प्रे करें

पीत शिरा मोजैक रोग

इस रोग का रोग वाहक (सफ़ेद मक्खी) को नष्ट करने के लिये इसोगाशी (इमिडक्लोप्रिड 17.8 एसएल) की 40-50 ml/ एकड़ को 200-250 लीटर पानी मे मिलाकर स्प्रे करे. अथवा ताइयो (THIAMETHOXAM)@40 g/ एकड़ को 200-300 लीटर पानी मे मिलाकर स्प्रे करें. 

चूर्णी फफूंद रोग

इसकी रोकथाम के लिये नोयाकू (एजोकसीस्ट्रोबिन 23% एससी) @ 1ml/लीटर की दर से स्प्रे करें.कद्दू वर्गीय सब्जियों में भी रोग लगता है. इसमें लाल कीड़ा (Red pumpkin beetle)- वयस्क कीटो को हाथ से पकड़ कर मार दे. रसायनिक नियंत्रण के लिये आप YUJO (Chloropyrifos 50%+ Cypermethrin 5% EC) @ 1ml/लीटर पानी में स्प्रे करें. स्प्रे शाम के समय मे ही करें

फल मक्खी

इसके जैविक नियंत्रण के लिये सिट्रोनेला का तेल अथवा सिरका (vinegar) का प्रयोग करें. इससे फल मक्खी नियंत्रित होगी. इसके रसायनिक नियंत्रण के लिये YUJO ( Chloropyrifos 50%+ Cypermethrin 5% EC) @ 1ml/लीटर पानी में स्प्रे करें. 

म्रदु रोमिल आसिता

इसे चूर्णी फफूंद भी कहते हैं. इसके नियंत्रण के लिए जल घुलनशील गंघक 2-3 g/लीटर पानी में घोलकर एक सप्ताह के अंतराल पर स्प्रे करें. अथवा NOYAKU (AZOXYSTROBIN 23.5% SC) @ 1 ml/लीटर पानी में स्प्रे करें.

मोजैक विषाणु रोग

रसायनिक नियंत्रण के लिये रोग वाहक कीट की रोकथाम करें. इसके लिये इसोगाशी 40- 50 ml/ एकड़ को 200-280 लीटर पानी में स्प्रे करें.

ये भी पढ़ें:  Onion Export Ban: जारी रहेगा प्याज एक्सपोर्ट बैन, लोकसभा चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने किसानों को दिया बड़ा झटका

 

TAGS: