तुड़ाई से पहले ही सड़ जाते हैं पौधों में लगे फल? फटाफट पौधों को दें ये जरूरी देसी खाद

तुड़ाई से पहले ही सड़ जाते हैं पौधों में लगे फल? फटाफट पौधों को दें ये जरूरी देसी खाद

होम गार्डनिंग करने वाले लोगों को घर में ही ताजे फल-सब्जी मिल जाते हैं. कुछ लोग तो गार्डनिंग करके अच्छी-खासी कमाई भी कर लेते हैं. वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों कि शिकायत है कि उनके पौधों में लगे फल सड़ जाते हैं. आइए फलों की अच्छी गुणवत्ता के उपाय जान लेते हैं.

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तुड़ाई से पहले ही सड़ जाते हैं पौधों में लगे फल? फटाफट पौधों को दें ये जरूरी देसी खादसब्जियों को सड़ने से बचाने के उपाय

हमारे देश में ज्यादातर लोग होम गार्डनिंग करने लगे हैं. होम गार्डनिंग करने वाले ज्यादातर लोग फल-सब्जी से लेकर मसाले भी घर में ही उगाने लगे हैं. कुछ लोग तो घर में ही पौधे लगाकर थोड़ी-थोड़ी कमाई भी कर लेते हैं. कुछ लोगों की ऐसी भी शिकायत है कि उनके घर में लगाए गए पौधों में फल नहीं लगते हैं, अगर लग भी गए तो तुड़ाई से पहले ही पौधों में सड़ जाते हैं या सूख कर गिर जाते हैं. इसका कारण है कि पौधों को जरूरी पोषण नहीं मिल पा रहा है. इस खबर में आपको होम गार्डन में फलों की अच्छी ग्रोथ से जुड़ी जरूरी बातें बता देते हैं. 

इस वजह से सड़ जाते हैं फल

किसी भी पौधों में फल तभी आएंगे जब पौधे की ग्रोथ अच्छी होगी. अगर आपके पौधों में फल नहीं आता है तो इसका मतलब है कि पौधे में जरूरी पोषण नहीं मिल पाता है. किसी भी पौधे में मन मुताबिक फल तभी आएंगे जब पौधों में खाद-पानी के अलावा हवा और प्रकाश का भी सही संतुलन बना रहेगा. अगर पौधों को समय पर खाद-पानी नहीं देते, या सही मात्रा में नहीं देते तो पौधों की ग्रोथ पर असर पड़ता है. कई बार खाद-पानी में कमी होती है तो कई बार जरूरत से ज्यादा दे देते हैं जिससे पौधों में फल नहीं आते हैं. 

पौधों में फल लाने का तरीका

आप भी चाहते हैं कि पौधों में अच्छे-खासे फल आए तो सबसे पहले सही जगह का चयन करें. गमले को ऐसी जगह पर रखना चाहिए जहां बिना किसी अवरोध के गमले में सीधी धूप आए. गमले को ऐसी जगह न रखें जहां अंधेरा हो या नमी वाली हवा आती हो. अब खाद-पानी देने का सही तरीका और सही मात्रा भी जान लेते हैं. किसी भी फल या सब्जी के पौधे को गमले में लगाते समय पहली बार मिट्टी के साथ ही वर्मी कंपोस्ट मिलाकर देनी चाहिए. इसके बाद जो पौधे 3 महीने में तैयार हो जाते हैं उन्हें दो बार की खाद पर्याप्त होती है. 

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जो पौधे 4-6 महीने में तैयार होते हैं उन्हें 3 बार की खाद काफी होती है. जिन पौधों की लंबाई औसतन 2 फीट होती है उनके लिए दो चम्मच खाद 30-45 दिनों के अंतराल में दें. दो फीट से बड़े पौधों के लिए 30-45 दिनों के अंतराल में एक मुट्ठी खाद भी पूरी होगी. पानी की बात करें तो कभी भी गैर जरूरी सिंचाई ना करें, जब मिट्टी की नमी सूखने लगे तो हल्की सिंचाई काफी होगी. 

इन बातों का भी रखें ध्यान

खाद पानी के साथ ही पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए उनकी सूखी टहनियों और पत्तियों की कटाई-छंटाई भी जरूरी है. पौधों की जो टहनियां मर गई हैं उनके वापस हरा होने की गुंजाइश नहीं होती है इसलिए उसे पौधों से अलग कर देना चाहिए. छंटाई के लिए तेज धार वाले यंत्र का इस्तेमाल करें और टहनियों को हमेशा तिरछा काटें इससे नई कोपलें फूटेंगी. इन सभी बातों का ध्यान रखेंगे तो निश्चित ही पौधों में फल आने लगेंगे. 


 

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