खीरा-करेला समेत सब्जियों की नर्सरी तैयार करने का सही समय, गर्मियों की फसलों के लिए किसानों को सलाह 

खीरा-करेला समेत सब्जियों की नर्सरी तैयार करने का सही समय, गर्मियों की फसलों के लिए किसानों को सलाह 

बिहार, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश समेत अन्य राज्यों में होने वाली रबी और जायद सीजन खेती से संबंधित सलाह में कहा गया है कि किसान तापमान में बढ़ोत्तरी को देखते हुए रबी फसलों की सिंचाई पर खास ध्यान दें. जबकि, सब्जी फसलों की नर्सरी तैयार करने के लिए सही समय बताया गया है.

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खीरा-करेला समेत सब्जियों की नर्सरी तैयार करने का सही समय, गर्मियों की फसलों के लिए किसानों को सलाह किसानों को एफिड कीट और गर्म मौसम से बचाव के लिए खास तैयारी करनी होगी.

खीरा-करेला और कद्दू समेत समेत सब्जियों फसलों की खेती के लिए यह नर्सरी तैयार करने का सही समय है. गर्मियों में फसलों की खेती के लिए बिहार, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश समेत कई राज्यों के किसानों के लिए जारी सलाह जारी की गई है. गर्मियों में जायद फसलों की खेती की बुवाई की जाती है. जबकि, मौजूदा समय में रबी सीजन की फसलें पकने को तैयार हैं. ऐसे किसानों को एफिड कीट और गर्म मौसम से बचाव के लिए खास तैयारी करनी होगी.

बिहार, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश और भारत के विभिन्न राज्यों में होने वाली खेती से संबंधित सलाह में कहा गया है कि किसान तापमान में बढ़ोत्तरी को देखते हुए रबी फसलों की सिंचाई पर खास ध्यान दें. जबकि, सरसों, चना समेत अन्य रबी फसलों में दाना पकने की अवस्था है. ऐसे में भूलकर भी किसान उर्वरकों का इस्तेमाल न करें. किसानों को रबी फसलों को कीटों के प्रकोप से बचाने के लिए उपाय करने की सलाह दी गई है.

कद्दू- खीरा सब्जियों की नर्सरी का सही समय 

उत्तर पूर्वी बिहार के जलोढ़ इलाके में ग्रीष्मकालीन सब्जियों की नर्सरी तैयार करने की सलाह दी गई है. इन दिनों यहां के किसान लौकी, कद्दू, खीरा, करेला जैसी सब्जियों की पौध तैयार कर सकते हैं. झारखंड में इस मौसम में सरसों की फसल में एफिड कीट लगने का खतरा है. किसानों से कहा गया है कि खेतों में निरंतर निगरानी करते रहें अगर एफिड कीट के संक्रमण दिखाई दे, तो संक्रमित भाग या पौधों को काटकर नष्ट कर दें. ऐसे में विशेषज्ञों की सलाह से दवा का छिड़काव करें. 

गेहूं में सिंचाई की व्यवस्था करें उत्तर भारत के किसान 

उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश के किसानों को गेहूं की पकने के चरण में पहुंच चुकी फसल का खास ध्यान रखने को कहा गया है. गेहूं की फसल में बुवाई के 65 से 75 दिन के बाद फल बनना शुरू हो जाता है. ऐसे में सही उत्पादन के लिए फसल की सिंचाई करना जरूरी है. गेहूं किसानों को भूलकर भी उर्वरकों के इस्तेमाल से बचाव की सलाह दी गई है. 

गोभी, अदरक और हल्दी की कटाई करें किसान 

अरुणाचल प्रदेश के किसानों से कहा गया है कि वे साफ मौसम के दौरान धान और गोभी की कटाई का काम पूरा करें. मेघालय में साफ मौसम के दौरान गोभी वर्गीय सब्जियों की कटाई, अदरक और हल्दी की खुदाई करते रहे. यहां के किसान बैंगन, शिमला मिर्च और टमाटर की बुवाई जारी रखें. नागालैंड में तैयार गोभी, सरसों और मटर की कटाई या तुड़ाई शुरू कर दें. साथ ही यहां के किसान प्याज और आलू की खुदाई का काम भी करते रहें. 

बोरो धान की सिंचाई कर लें त्रिपुरा के किसान 

त्रिपुरा के किसान बोरो धान की खड़ी फसल पकने की स्थिति में है, इसलिए खेत में पर्याप्त जलस्तर बनाए रखें. धान में बाली आने के समय फसल को पानी की ज्यादा जरूरत होती है. वहीं, राज्य में सब्जियों के खेतों में भी मिट्टी में पर्याप्त नमी बनाए रखने की जरूरत किसानों को बताई गई है. किसानों से कहा गया है कि तापमान में बढ़ोत्तरी की स्थिति को देखते हुए फसल को जरूरी नमी उपलब्ध कराने के लिए सिंचाई की व्यवस्था कर लें. 

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