आलू-टमाटर की फसल में लग सकता है झुलसा रोग, क‍िसानों की इस समस्या का क्या है समाधान?

आलू-टमाटर की फसल में लग सकता है झुलसा रोग, क‍िसानों की इस समस्या का क्या है समाधान?

दिसंबर के आखिरी हफ्ते में बारि‍श होने के बाद से न्‍यूनतम और अध‍िकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. जिससे जनवरी की शुरुआत कड़ाके की ठंड के साथ हुई है. ऐसे में कई फसलों में रोग और कीट लगने की आशंका बढ़ गई है. इसे लेकर पूसा ने एडवाइजरी जारी की है. किसान इन उपायों को अपनाकर अपनी फसल बचा सकते हैं.

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आलू-टमाटर की फसल में लग सकता है झुलसा रोग, क‍िसानों की इस समस्या का क्या है समाधान?टमाटर फसल का झुलसा रोग से करें बचाव. (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

पिछले कई हफ्तों से शीतलहर की स्‍थि‍ति के साथ ज्‍यादातर राज्‍यों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. वहीं, मौसम विभाग भी किसानों के लिए जमीनी पाले की चेतावनी जारी कर रहा है. वहीं, दिसंबर के आखिरी हफ्ते में बारि‍श होने के बाद से न्‍यूनतम और अध‍िकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. जिससे जनवरी की शुरुआत कड़ाके की ठंड के साथ हुई है. ऐसे में कई फसलों में रोग और कीट लगने की आशंका बढ़ गई है. इसे लेकर पूसा ने एडवाइजरी जारी की है. किसान इन उपायों को अपनाकर अपनी फसल बचा सकते हैं.

नमी बढ़ने से आलू-टमाटर फसल को खतरा

हवा में ज्‍यादा नमी के कारण आलू और टमाटर में झुलसा रोग का खतरा बढ़ गया है. ऐसे में किसानों को सलाह दी जाती है कि वे फसल की नियमित रूप से निगरानी करें. लक्षण दिखाई देने पर डाईथेन-एम-45 2.0 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करें. किसान ध्‍यान रखें कि छिड़काव आसमान साफ़ रहने पर ही करें.

इन सब्जियों की रोपाई करें

जिन किसानों की टमाटर, फूलगोभी, बन्दगोभी और ब्रोकली की पौधशाला तैयार है, वह मौसस को ध्यान में रखते हुए पौधों की रोपाई कर सकते हैं. आलू की फसल में उर्वरक की मात्रा डालें और फसल में मिट्टी चढ़ाने का कार्य करें.

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सरसों किसान खरपतवार कंट्रोल करें 

पिछले दिनों में हुई बारिश को देखते हुए सभी खड़ी फसलों में सिंचाई और किसी भी तरह का कोई छिड़काव न करें. 

देर से बोई गई सरसों की फसल में विरलीकरण और खरपतवार नियंत्रण का कार्य करें. औसत तापमान में कमी को देखते हुए सरसों की फसल में सफ़ेद रतुआ रोग की नियमित रूप से निगरानी करें.

इस मौसम में तैयार खेतों में प्याज की रोपाई से पहले अच्छी तरह से सड़े हुए गोबर की खाद और पोटास खाद का इस्‍तेमाल जरूर करें.

आम के बगीचों में करें ये इंतजाम

इस मौसम में मिलीबग के बच्चे जमीन से निकलकर आम के तनों पर चढ़ेगें, इनको रोकने के लिए किसानों को जमीन से 0.5 मीटर की ऊंचाई पर आम के तने के चारों तरफ 25 से 30 सेमी. चौड़ी अल्काथीन की पट्टी लपेटने की सलाह दी जाती है. तने के आस-पास की मिट्टी की खुदाई करने से उनके अंडे नष्ट हो जाएंगे.

सापेक्षिक आर्द्रता ज्‍यादा रहने की संभावना को ध्यान में रखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी गेंदे की फसल में पुष्प सड़न रोग को लेकर निगरानी करते रहें.

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