रबी सीजन में दलहन फसलों की बुवाई किसान खूब कर रहे हैं. हरी मटर के साथ ही दाल के रूप में भी बिकने के चलते किसानों की पसंदीदी खेती में मटर भी शामिल है. हालांकि, इन दिनों यूपी, एमपी और बिहार समेत कई राज्यों में मटर किसान फली भेदक कीट के हमले से परेशान है. यह कीट फली में छेदकर अंदर घुस जाता है और दाने को खा जाता है. इससे पैदावार और क्वालिटी में भारी नुकसान होता है. इस कीट से बचाव के लिए एक्सपर्ट ने छिड़काव के लिए दवा सुझाई है, जिसके इस्तेमाल से इसकी रोकथाम की जा सकती है.
केंद्र सरकार दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लिए किसानों को प्रेरित कर रही है. इसके चलते रबी सीजन में दलहन फसलों का बीते साल की तुलना में काफी बढ़ने की उम्मीद है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार 16 दिसंबर तक देशभर में 123.27 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दालों की बुवाई की जा चुकी है. इसमें से मटर की खेती 8.50 लाख हेक्टेयर में की जा रही है. बुवाई अभी भी चल रही है इसलिए यह आंकड़ा और भी बढ़ने वाला है.
उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के किसान मटर की फसल में फली भेदक कीट के प्रकोप से परेशान हैं. फली भेदक कीट मटर के दाने को खा जाता है. इससे किसानों को उपज में गिरावट का सामना करना पड़ता है और क्वालिटी भी गिर जाती है. इस कीट के नियंत्रण के लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के प्रसार शिक्षा एवं प्रशिक्षण ब्यूरो की ओर से किसानों को दवाओं के नाम उनके छिड़काव का तरीका भी बताया है.
कृषि विभाग के अनुसार मटर में फली भेदक कीट और अर्द्धकुंडलीकार कीट के नियंत्रण के लिए नीचे दिए जा रहे जैविक और रासायनिक कीटनाशकों में से किसी एक का छिड़काव प्रति हेक्टेयर 500 से 600 लीटर पानी में घोलकर कर सकते हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today