एक जमाना था जब गांव के किसान ही सब्जी उगाते थे लेकिन ये अब पुरानी बात हो गई है. अब शहर में रहने वाले लोग भी अपने गार्डन, बालकनी और छत पर सब्जी उगाने लगे हैं. गमले में आप छोटे से लेकर बड़े पौधे तक उगा सकते हैं लेकिन उनकी ग्रोथ एक बड़ा चैलेंज है. अधिकांश लोगों की शिकायत है कि उनके लगाए पौधे मनमुताबिक ग्रोथ नहीं करते और ना ही फल देते हैं. लेकिन यकीन मानिए आप बहुत ही आसानी से पौधों की अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. आप कोई भी सब्जी उगाएं बस 4 आसान तरीके को फॉलो करें.
फल सब्जी की बेहतर ग्रोथ के लिए मिट्टी, पानी, खाद, हवा और प्रकाश का सही संतुलन बनाना होगा जिसके बाद ना सिर्फ पौधों की ग्रोथ बढ़ेगी बल्कि पैदावार भी बहुत अधिक तक बढ़ जाएगी. आइए जान लेते हैं कि वो कौन से चार तरीके हैं जिन्हें ध्यान में रखते हुए गार्डनिंग करनी चाहिए.
जब आप गमले में पौधे लगा रहे हैं तो गमले की सही साइज का चुनाव करना बहुत जरूरी है. अगर आप मूली-गाजर, चुकंदर या गोभी लगा रहे हैं तो गमले की गहराई कम से कम 18 इंच होनी ही चाहिए. टमाटर, बैंगन, शिमला मिर्च या हरी मिर्च के लिए 1 फिट या छोटे गमले भी ठीक होंगे.
कुछ लोग बाजार से गमला लाते हैं और इसमें मिट्टी भरकर पौधा रोप देते हैं. लेकिन गमले में भरी जाने वाली मिट्टी को खास तरीके से तैयार करना चाहिए. सबसे पहले मिट्टी को भुरभुरी करें और धूप में सुखा दें ताकि नमी निकल जाए. इस मिट्टी के साथ ही रेत और वर्मी कंपोस्ट मिला कर भर दीजिए. इससे मिट्टी की जलधारण क्षमता और पौधों में अंकुरण की क्षमता बढ़ जाएगी.
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पौधों के लिए मिट्टी और गमले के साइज की सही जानकारी होने के बाद उस गमले को कहां रखना है उसकी भी जानकारी होनी चाहिए. गमले को हमेशा ऐसी जगह पर रखें जहां सूर्य की रोशनी कम से कम 6 घंटे जरूर आती हो. आप जानते ही होंगे कि पौधों सूर्य की रोशनी से प्रकाश संश्लेषण की क्रिया कर अपना भोजन बनाते है. पौधों की ग्रोथ के लिए धूप बहुत जरूरी है.
ये बात हर कोई जानता है कि बिना खाद-पानी के कोई भी पौधा ग्रोथ नहीं कर सकता है. लेकिन पौधों में कब और कौन सी खाद देनी है इसके बारे में भी जानना बहुत जरूरी है. आपको बता दें कि एक बार मिट्टी के साथ ही खाद मिलाकर दी जाती है. जो पौधे 3 महीने में तैयार हो जाते हैं उन्हें रोपाई के 30-45 दिन बाद खाद दें. जिन पौधों को तैयार होने में 4-6 महीने का समय लगता है, उन्हें हर महीने दो चम्मच वर्मी कंपोस्ट या कोको पीट खाद दे सकते हैं. पौधों को पानी देने से पहले हमेशा छू कर मिट्टी की नमी जांच कर लें. अगर महसूस हो कि मिट्टी सूख गई है तभी सिंचाई करें.
पौधों को रोपने से लेकर खाद-पानी के बारे में सब कुछ जान लेने के बाद और भी बेसिक बातों के बारे में भी जान लेना चाहिए. सब्जी के पौधों में अक्सर कीटों का खतरा बना रहता है. कीटों से छुटकारा पाने के लिए नीम की पत्तियों को उबालकर बनाया स्प्रे या फिर नीम के तेल का स्प्रे करें. पौधों की सूखी पत्तियों और टहनियों की छंटाई करना भी बहुत जरूरी है. खाद और कीटनाशक हमेशा ऑर्गेनिक ही देना चाहिए. इन तरीकों का इस्तेमाल करेंगे तो पौधों की अच्छी ग्रोथ के साथ ही फलों की पैदावार भी तगड़ी होगी.
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