कपास के पौधे मुरझा रहे हैं, पत्तियां सिकुड़ रही हैं तो ये है वजह, ऐसे करें इलाज

कपास के पौधे मुरझा रहे हैं, पत्तियां सिकुड़ रही हैं तो ये है वजह, ऐसे करें इलाज

कपास के पौधे का तेजी से मुरझाना कपास को अन्य रोगों से अलग करता है. इस रोग के लगने से शुरुआत में खेत में केवल कुछ पौधे प्रभावित होते हैं. फिर समय के साथ रोग इन पौधों के चारों तरफ घेरा बनाते हुए पूरे खेत में फैल जाते हैं.

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कपास के पौधे मुरझा रहे हैं, पत्तियां सिकुड़ रही हैं तो ये है वजह, ऐसे करें इलाजकपास के पौधे

कपास किसानों के लिए एक नकदी फसल है. इसकी खेती केवल भारत में ही नहीं बल्कि पुरे विश्व भर में की जाती है, लेकिन कपास के उत्पादन में भारत का स्थान सबसे पहला है. चूंकि कपास एक नकदी फसल है, इसलिए इसकी खेती किसानों की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. कपास की फसल से जहां एक तरफ किसान अधिक आय प्राप्त करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ किसानों को अपनी फसल से कीटों और रोगों के चलते काफी नुकसान भी झेलना पड़ता है. वहीं कपास के पौधों का मुरझाना इस रोग में दिखने वाला पहला लक्षण है. इस रोग के लगने से सारी पत्तियां झड़ जाती हैं या पौधा गिर जाते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं क्या है इसकी वजह और कैसे करें इलाज.

जानिए क्या हैं इसके लक्षण

कपास के पौधे का तेजी से मुरझाना कपास को अन्य रोगों से अलग करता है. इस रोग के लगने से शुरुआत में खेत में केवल कुछ पौधे प्रभावित होते हैं. फिर समय के साथ रोग इन पौधों के चारों तरफ घेरा बनाते हुए पूरे खेत में फैल जाते हैं. यह जड़ों के गलने और पौधे के ऊपरी हिस्सों में पानी और पोषक तत्व ठीक से नहीं पहुंच पाने का संकेत है. साथ ही इससे प्रभावित पौधे खड़े नहीं रह पाते हैं और हवा चलने पर आसानी से गिर जाते हैं या आसानी से जमीन से उखाड़े जा सकते हैं. स्वस्थ पौधों की तुलना में रोग-पीड़ित पौधों में जड़ों की छाल पीली पड़ जाती है.

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क्या हैं लक्षणों का कारण

कपास के पौधों का मुरझाना और सिकपड़ने के लक्षणों का कारण बीज और मिट्टी में बढ़ने वाला फफूंद मैक्रोफ़ोमिना फैज़ियोलिना है. यह दुनिया भर में कपास का एक महत्वपूर्ण और व्यापक रोग है. यह करीब 300 अन्य पौधों को भी प्रभावित कर सकता है, जिसमें मिर्च, तरबूज-खरबूजा खीरा शामिल है. यह रोगजनक मिट्टी में जीवित रहता है और इसे कपास की जड़ों में आसानी से फैल जाता है. वहीं यह रोग गर्मियों के मध्य में सबसे अधिक पाया जाता है और शरद ऋतु आते-आते कम होता जाता है.

पौधे के बचाव के जानिए उपाय

  • इससे बचने के लिए फफूंद या सूखा सहिष्णु किस्में उगानी चाहिए.
  • किसानों को कपास की मज़बूत तनों वाले पौधों की किस्में उगानी चाहिए, जो गिरे नहीं.
  • ये भी ध्यान दें कि बुवाई की तिथि आगे-पीछे करने से पौधे को सूखने से बचाया जा सकता है.
  • पौधों को मुरझाने और सूखने से बचाने के लिए पौधों के बीच अधिक स्थान छोड़ें.
  • कपास को रोग से बचाने के लिए सिंचाई करके मिट्टी में नमी का अच्छा स्तर बनाए रखें, विशेष तौर पर फूल आने के बाद.
  • संतुलित मात्रा में उर्वरक डालें और नाइट्रोजन के ज्यादा इस्तेमाल से बचें.
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