घर के गमले में भी उगा सकते हैं पान का पत्ता, पनवाड़ी की दुकान पर जाने का झंझट खत्म

घर के गमले में भी उगा सकते हैं पान का पत्ता, पनवाड़ी की दुकान पर जाने का झंझट खत्म

हिंदू संस्कृति और सभ्यता में आज भी पान का अपना महत्व और स्थान है. पान के पत्तों का इस्तेमाल पूजा-पाठ समेत हर शुभ काम में किया जाता है. पान के पत्तों का इस्तेमाल खाने में भी किया जाता है. अक्सर लोग रात के खाने के बाद पान खाने के शौकीन होते हैं.

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घर के गमले में भी उगा सकते हैं पान का पत्ता, पनवाड़ी की दुकान पर जाने का झंझट खत्मघर पर करें पान की खेती

जब भी पान की बात होती है तो हम अमिताभ बच्चा का वो मशहूर गाना जरूर गुनगुनाते हैं. जी हाँ खाइके पान बनारस वाला, खुल जाए बंद अकल का ताला. अब ऐसा क्यों कहा गया ये सोचने वाली बात है. दरअसल, पान का स्वाद और पान की खुशबू दोनों ही आपको ताजगी का एहसास दिलाते हैं. जिससे आपका मूड और दिमाग दोनों खुल जाता है. शायद इस गाने का मतलब भी यही हो. अब आइए बात करते हैं पान और उसे उगाने के बारे में.

पान के पत्तों का महत्व

दरअसल, हिंदू संस्कृति और सभ्यता में आज भी पान का अपना महत्व और स्थान है. पान के पत्तों का इस्तेमाल पूजा-पाठ समेत हर शुभ काम में किया जाता है. पान के पत्तों का इस्तेमाल खाने में भी किया जाता है. अक्सर लोग रात के खाने के बाद पान खाने के शौकीन होते हैं. कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो शौक के तौर पर कभी-कभार पान खाते और खिलाते हैं. जिसके कारण पान की डिमांड हमेशा बनी रहती है. अगर आप भी पान खाने के शौकीन हैं और बार-बार पान खाने के लिए पनवाड़ी के दुकानों के चक्कर काट रहे हैं तो अब ऐसा करने की जरूरत नहीं है. आसानी से घर के गमले में ही पान उगा सकते हैं. 

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घर पर करें पान की खेती

  • घर में पान का पौधा लगाने के लिए सबसे पहले अच्छे बीजों का चयन करें.
  • इसे किसी मिट्टी के बर्तन में रखकर दो से तीन दिन तक धूप में रखें.
  • जब मिट्टी थोड़ी हल्की हो जाए तो इसमें खाद डालें और दोबारा धूप में रख दें.
  • जब मिट्टी थोड़ी नरम हो जाए तो बीज को गमले में मिट्टी के दो से तीन इंच अंदर डाल दें और गमले को कम धूप वाली जगह पर रखें.
  • पौधे को उगाने के लिए जैविक या कम्पोस्ट खाद का प्रयोग बहुत अच्छा रहेगा.
  • रासायनिक खाद की जगह आपको गोबर की खाद का ही प्रयोग करना चाहिए.
  • पान के बीज लगाने के बाद समय-समय पर गमले में पानी देते रहें. ध्यान रखें कि पानी की मात्रा ज्यादा न हो.
  • जब मिट्टी सूख रही हो तो गमले में पानी डालें.
  • लगभग दो सप्ताह के बाद गमले में बीज अंकुरित होने लगेंगे.
  • बीज अंकुरित होने के बाद गमले में एक या दो बार खाद डालें.
  • खाद डालने के बाद पानी देना न भूलें.
  • तीन से चार सप्ताह के बाद, बीज वाले गमले में एक छोटी सी छड़ी लगा दें.
  • लकड़ी पान के पौधे को उगाने में मदद करती है.
  • पांच-छह सप्ताह के बाद पौधे में पान के पत्ते आने लगेंगे. फिर आप उस पत्ते का उपयोग पूजा में बहुत आसानी से कर पाएंगे. 

पान की उन्नत किस्में

भारत में पान की 100 से ज्यादा किस्में पाई जाती हैं. पान की खेती से किसानों को भारी मुनाफा भी होता है. अवानी पान, बांग्ला और खासी पान, देसी पान, कलकत्ता, पातों, मघई और बांग्ला, करियाले, मैसुराइले और अंबादैले, गोडी बांग्ला, नोवा चत्तक, सांची और बिरकोली पान की कुछ उन्नत किस्मों में शामिल हैं. 

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