हाजीपुर में केले के पौधे से आत्मन‍िर्भर बन रहीं म‍ह‍िलाएं, रेशे से म‍िल रहा रोजगार

हाजीपुर में केले के पौधे से आत्मन‍िर्भर बन रहीं म‍ह‍िलाएं, रेशे से म‍िल रहा रोजगार

कहा जाता है कि कोई भी चीज व्यर्थ नहीं है बस उसके उपयोग करने का तरीका सही होना चाहिए.हाजीपुर में रहने वाली नीलम कुमारी ने उन्होंने हाजीपुर कृषि विज्ञान केन्द्र से बनाना फाइबर की ट्रेनिंग लेकर केले के पौधे से निकलने वाले रेशे से कई घरेलू उपयोग की चीजें बना रही हैं और इससे उन्हें अच्छा मुनाफा मिल रहा है.

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हाजीपुर में केले के पौधे से आत्मन‍िर्भर बन रहीं म‍ह‍िलाएं, रेशे से म‍िल रहा रोजगारहाजीपुर में केले के पौधा बना रहा मह‍िलाओं को आत्मन‍िर्भर, फोटो साभार: freepik

कहा जाता है कि कोई भी चीज व्यर्थ नहीं है. बस उसके उपयोग करने का तरीका सही होना चाहिए. कई बार आप सब ने देखा होगा कि जिन चीजों को हम फिजूल समझकर फेंक दिया करते हैं, उससे कुछ अच्छा निकल कर सामने आता है. इसी तरह आज हम आपको एक ऐसी जानकारी देंगे, जिसको जानकर आप हैरान हो जाएंगे. ये कहानी बि‍हार के हाजीपुर की मह‍िलाओं की है. जहां केले का पौधा मह‍िलाओं को आत्मन‍िर्भर बना रहा है. केले के पाेधों से न‍िकलने वाले फाइबर यानी रेशे से म‍ह‍िलाओं को रोजगार म‍िला है. 

असल में हाजीपुर की रहने वाली नीलम कुमारी ने हाजीपुर कृषि विज्ञान केन्द्र से केले से फाइबर न‍िकालने की ट्रेनिंग थी. ज‍िसके वह कई मह‍िलाओं के साथ म‍िलकर रेशे से कई घरेलू उपयोग की चीजें बना रही हैं और इससे उन्हें अच्छा मुनाफा मिल रहा है. आइए जानते हैं केले के रेशे से कौन कौन सी उपयोग की वस्तुएं बनाई जा सकती है.

केले के उपयोग से बनाई जाने वाली घरेलू उपयोग की वस्तुएं

देश में केला उत्पादन करने वाले स्थानों का नाम आता है तो उसमें बिहार का हाजीपुर जरूर शामिल होता है. हाजीपुर का केला देश के साथ साथ विदेशों में भी अपनी पहचान बना चुका है. उसी हाजीपुर के केले के पौधों से निकलने वाले रेशे महिलाओं को रोजगार देने का भी काम कर रहे हैं. महिलाएं उन रेशों से घरेलू उपयोग में आने वाली कई चीजों का निर्माण कर रही हैं. जैसे रस्सी, थैलियां, वॉल हैंगिंग, खिलौन आदि बनाती हैं. इसके अलावा वेस्ट चीजों को रियूज करने का काम भी करती हैं.

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महिलाओं ने बनाया जन जागृति स्व सहायता समूह

हाजीपुर कृषि विज्ञान केन्द्र से ट्रेनिंग ले चुकीं नीलम ने बताया कि वे कई महिलाओं को इकट्ठा कर जन जागृति स्व रोजगार समूह बनाया है. इससे कई महिलाएं लाभ कमाती हैं. इसके अलावा नीलम ने गांव में रहने वाली महिलाओं को संदेश दिया है कि वे ग्रामीण स्तर पर रहकर ऐसी छोटी और अलग-अलग चीजों की ट्रेनिंग लेकर रोजगार शुरू कर सकती हैं. इस तरह के प्रयास से महिलाओं का खाली समय भी बीतेगा और आय का एक आधार भी मिलेगा. 

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