अभी सेब का सीजन चल रहा है. सेब के सीजन में बाजारों में इसकी आवक तेज हो जाती है. चूंकि यह सेहत के लिए अच्छा है, इसलिए लोग खरीदारी भी खूब करते हैं. ऐसे में यह जान लेना जरूरी है कि सेब जितना सेहतमंद होगा, खाने पर भी उसका उतना ही फायदा होगा. अगर उसकी क्वालिटी दोयम दर्जे की होगी, तो उसका फायदा भी दोयम होगा. सेब में काफी सारे पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के साथ-साथ कई तरह के लाभ देते हैं. वहीं सेब सबसे अधिक पसंद किए जाने वाले फलों में शामिल है. हर उम्र के लोग इस फल का सेवन करते हैं और यह उन चुनिंदा फलों में शामिल है, जिन्हें खाने से कई बीमारियां दूर हो सकती हैं.
यहां एक गौर करने वाली बात सेब के किसानों के लिए है. सेब के किसानों को अपने फल की तुड़ाई करने के बाद सावधान रहना चाहिए, क्योंकि सेब के फल में तुड़ाई के बाद कई रोग लग जाते हैं जो फलों को बर्बाद कर देते हैं. इससे किसानों को नुकसान हो सकता हैं. ऐसे में जानें कौन सा है रोग और क्या हैं उसके बचाव.
सेब के बेहतर उत्पादन के लिए किसान बहुत कड़ी मेहनत करते हैं. साथ ही किसान बेहतर उत्पादन के लिए समय और पैसे भी खर्च करते हैं. उसके बाद भी अपने फलों को बीमारी के कारण खो देते हैं. ऐसे कई रोग हैं जो फसलों की तुड़ाई के बाद उत्पादन को खराब कर देते हैं. उनमें गोल भूरा धब्बा, बढ़ा हुआ भूरा धब्बा, सड़े हुए ऊतक, आंतरिक सड़ा हुआ ऊतक जैसे रोग शामिल हैं. इन बीमारियों के लगने से फल सड़ने लगता है. या सेब पर गोल, भूरे और काले रंग के घाव यानी धब्बे हो जाते हैं. धब्बों की सतह गहरे भूरे से काले रंग की हो जाती है और और फल धीरे धीरे सड़ने लगता है.
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