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किसानों के लिए पूसा के वैज्ञानिकों का अलर्ट, खड़ी फसलों में रोक दें सिंचाई और स्प्रे का प्लान

किसानों के लिए पूसा के वैज्ञानिकों का अलर्ट, खड़ी फसलों में रोक दें सिंचाई और स्प्रे का प्लान

कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि मौसम को ध्यान में रखते हुए किसान गेहूं की फसल में रोगों, विशेषकर रतुआ की निगरानी करते रहें. काला, भूरा अथवा पीला रतुआ आने पर फसल में डाइथेन एम-45 (2.5 ग्राम/लीटर पानी) का छिड़काव करें. पीला रतुआ के लिए  10-20 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त है. वहीँ 25 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान रहने पर रोग का  फैलाव नहीं होता.

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कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों दी सलाह कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों दी सलाह

पूसा के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए एक अलर्ट जारी किया है. उन्होंने कहा है कि आने वाले दिनों में बारिश की संभावना को देखते हुए दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के किसान सभी खड़ी फसलों एवं सब्जी फसलों में सिंचाई न करें. सभी तरह के स्प्रे के प्लान को आने वाले कुछ दिनों के लिए रोक दें ताकि आर्थिक नुकसान न हो. साथ ही मूंग और उड़द की फसलों की मार्च में बुवाई के लिए किसान किसी प्रमाणित स्रोत से उन्नत बीजों का संग्रह करें. मूंग की अच्छी किस्मों में पूसा विशाल, पूसा बैसाखी, पीडीएम-11, एसएमएल-32, जबकि उड़द में पंत उड़द-19, पंत उड़द-30, पंत उड़द-35, पीडीयू-1 का चयन कर सकते हैं.

वैज्ञानिकों ने कहा कि बुवाई से पूर्व बीजों को फसल विशेष राईजोबीयम तथा फास्फोरस सोलूबलाईजिंग बेक्टीरिया से अवश्य उपचार करें. मौसम को ध्यान में रखते हुए किसानों को सलाह है कि भिंडी की अगेती बुवाई हेतु के लिए ए-4, परबनी क्रांति, अर्का अनामिका आदि किस्मों की बुवाई करें.  बुवाई से पूर्व खेतों में पर्याप्त नमी का ध्यान रखें. बीज की मात्रा 10-15 किलोग्राम प्रति एकड़ रहनी चाहिए.

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गेहूं की फसल में इन बातों का रखें ध्यान

मौसम को ध्यान में रखते हुए गेहूं की फसल में रोगों, विशेषकर रतुआ की निगरानी करते रहें. काला, भूरा अथवा पीला रतुआ आने पर फसल में डाइथेन एम-45 (2.5 ग्राम/लीटर पानी) का छिड़काव करें.  पीला रतुआ के लिए  10-20 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त है.  25 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान रहने पर रोग का  फैलाव नहीं होता. भूरा रतुआ के लिए 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ नमी वाली जलवायु अनुकूल होती है. काला रतुआ के लिए 20 डिग्री सेल्सियस से उपर तापमान और नमी रहित जलवायु आवश्यक है.  

स्प्रे के बाद सब्जियों की तुड़ाई न करें

किसानों के लिए जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि मौसम को ध्यान में रखते हुए सभी सब्जियों तथा सरसों की फसल में चेपा के आक्रमण की निगरानी करें. इस कीट के नियंत्रण के लिए वे सब्जियों में इमिडाक्लोप्रिड को 0.25-0.5 मिली प्रति लीटर पानी की दर से सब्जियों की तुडाई के बाद स्प्रे करें. सब्जियों की फसलों पर छिड़काव के बाद एक सप्ताह तक तुड़ाई न करें.  बीज वाली सब्जियों पर चेपा के आक्रमण पर विशेष ध्यान दें.  

थ्रिप्स पर रखें निगरानी

\फ्रेंच बीन, गर्मी के मौसम वाली मूली इत्यादि की सीधी बुवाई के लिए वर्तमान तापमान अनुकूल है. क्योंकि बीजों के अंकुरण के लिए यह तापमान उपयुक्त हैं. किसान उन्नत बीजों को किसी प्रमाणित स्रोत से ही प्राप्त करें. टमाटर, मिर्च, कद्दूवर्गीय सब्जियों के तैयार पौधों की रोपाई इस सप्ताह कर सकते हैं. प्याज की समय से बोई गई फसल में थ्रिप्स के आक्रमण की निरंतर निगरानी करते रहें. कीट मिले तो कानफीड़ोर @ 0.5 मिली प्रति 3 लीटर पानी किसी चिपकने वाले पदार्थ जैसे टीपोल आदि (1.0 ग्रा. प्रति एक लीटर घोल) में मिलाकर छिड़काव करें.

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